Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Dec, 2025 03:41 PM

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल के बीच दुनियाभर में नौकरियों के खत्म होने की आशंका अक्सर जताई जाती रही है। हालांकि, सरकार के ताज़ा आंकड़े इस धारणा को पूरी तरह खारिज करते हैं और बताते हैं कि AI नौकरियां खत्म नहीं, बल्कि नई...
नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल के बीच दुनियाभर में नौकरियों के खत्म होने की आशंका अक्सर जताई जाती रही है। हालांकि, सरकार के ताज़ा आंकड़े इस धारणा को पूरी तरह खारिज करते हैं और बताते हैं कि AI नौकरियां खत्म नहीं, बल्कि नई संभावनाएं पैदा कर रहा है। मंगलवार को जारी एक Year-Ender Note में सरकार ने कहा कि AI को भले ही रोजगार के लिए खतरा माना जाता हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि यह नई तरह की नौकरियों और स्किल्स की मांग बढ़ा रहा है। सरकार ने NASSCOM की रिपोर्ट ‘Advancing India’s AI Skills’ का हवाला देते हुए बताया कि भारत का AI टैलेंट बेस मौजूदा 6–6.5 लाख प्रोफेशनल्स से बढ़कर 2027 तक 12.5 लाख से अधिक होने का अनुमान है। यह वृद्धि करीब 15 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (CAGR) से होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, AI की वजह से डेटा साइंस, डेटा क्यूरेशन, AI इंजीनियरिंग और एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में तेजी से मांग बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 तक करीब 8.65 लाख उम्मीदवारों ने उभरती तकनीकों से जुड़े कोर्स में नामांकन या प्रशिक्षण लिया, जिनमें से 3.20 लाख उम्मीदवार AI और बिग डेटा एनालिटिक्स से जुड़े थे। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा शुरू किए गए FutureSkills PRIME कार्यक्रम का भी उल्लेख किया। यह एक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य IT प्रोफेशनल्स को AI समेत 10 नई और उभरती तकनीकों में री-स्किल और अप-स्किल करना है।
अगस्त 2025 तक 18.56 लाख से अधिक उम्मीदवार FutureSkills PRIME पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके थे, जबकि 3.37 लाख से ज्यादा लोग सफलतापूर्वक कोर्स पूरा कर चुके हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि AI शासन व्यवस्था और सार्वजनिक सेवा वितरण को भी नए सिरे से आकार दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट फेज-III के तहत न्याय प्रणाली को अधिक कुशल और सुलभ बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों को शामिल किया जा रहा है।7
AI और उसकी उप-तकनीकें जैसे मशीन लर्निंग, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) का इस्तेमाल अनुवाद, पूर्वानुमान, प्रशासनिक कार्यों की दक्षता, ऑटोमेटेड फाइलिंग, स्मार्ट शेड्यूलिंग और चैटबॉट्स के जरिए संवाद में किया जा रहा है।