Delhi Air Pollution: सावधान! भारत की हवा में घुल रहा है 'अदृश्य जहर', CREA की रिपोर्ट में हुआ खतरनाक खुलासा

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 11:06 AM

delhi air pollution beware  invisible poison  is seeping into india s air

देश में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर अब तक हम जो जानते थे, वह तस्वीर अधूरी थी। ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर शोध करने वाली संस्था CREA (सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर) के नए विश्लेषण ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में...

नेशनल डेस्क: देश में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर अब तक हम जो जानते थे, वह तस्वीर अधूरी थी। ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर शोध करने वाली संस्था CREA (सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर) के नए विश्लेषण ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में पी.एम,- 2.5 प्रदूषण का लगभग 42% हिस्सा सीधे धुएं से नहीं निकलता, बल्कि हवा में मौजूद गैसों की आपसी रासायनिक प्रतिक्रिया से पैदा होता है।

क्या है यह 'सैकेंडरी प्रदूषण'?

वैज्ञानिक भाषा में इसे 'सैकेंडरी पार्टिकुलेट मैटर' कहा जाता है। इसका सबसे बड़ा घटक अमोनियम सल्फेट है। यह खतरनाक तत्व मुख्य रूप से सल्फर डाइऑक्साइड SO-2 से बनता है। चिंताजनक बात यह है कि भारत दुनिया में SO-2 का सबसे बड़ा उत्सर्जक है, जिसमें 60% हिस्सेदारी अकेले कोयला आधारित बिजली संयंत्रों (Thermal Power Plants) की है।

नियमों में ढील बनी मुसीबत

CREA की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण बढ़ने की एक बड़ी वजह ढीले नियम हैं। देश के करीब 78% कोयला संयंत्रों को अब तक 'फ्ल्यू गैस डी-सल्फराइजेशन' (FGD) सिस्टम लगाने से छूट मिली हुई है। यह तकनीक सल्फर डाइऑक्साइड को हवा में घुलने से रोकती है, लेकिन इसके अभाव में प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है।

PunjabKesari

छत्तीसगढ़ और ओडिशा हुए सबसे अधिक प्रभावित

कोयला संयंत्रों की अधिकता वाले राज्यों में स्थिति सबसे खराब है:

  • छत्तीसगढ़ में PM-2.5 में 42% हिस्सा अमोनियम सल्फेट का है।
  • ओडिशा: यहाँ यह आंकड़ा 41% दर्ज किया गया है।
  • दिल्ली: राजधानी में सर्दियों के दौरान PM-2.5 में अमोनियम सल्फेट का योगदान 49% तक पहुँच जाता है।

नीतियों में बदलाव की जरूरत

CREA के विश्लेषक मनोज कुमार का कहना है कि सरकार का ध्यान फिलहाल धूल और सड़कों के प्रदूषण (PM10) पर ज्यादा है, जबकि असली विलेन गैसों (सल्फर और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) का मेल है। जब तक नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत कोयला संयंत्रों से निकलने वाली गैसों पर लगाम नहीं कसी जाएगी, तब तक हवा की गुणवत्ता में सुधार संभव नहीं है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!