Edited By Mehak,Updated: 31 Dec, 2025 01:24 PM

नए साल से पहले वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को महत्वपूर्ण संदेश दिया। महाराज ने कहा कि नव वर्ष केवल जश्न मनाने का समय नहीं है, बल्कि अपने जीवन को सुधारने और बुरे कर्म छोड़ने का अवसर है। उन्होंने शराब, मांसाहार, हिंसा और व्याभिचार...
नेशनल डेस्क : नए साल की शुरुआत से पहले देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु धार्मिक स्थलों का रुख कर रहे हैं। इसी क्रम में कई भक्त वृंदावन पहुंचे, जहां उन्होंने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से नव वर्ष को लेकर मार्गदर्शन लिया। भक्तों ने महाराज से पूछा कि आने वाले साल में जीवन को बेहतर बनाने के लिए किन बातों का पालन करना चाहिए।
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि नया साल केवल उत्सव या पार्टी का अवसर नहीं है, बल्कि यह आत्म-सुधार, बुराइयों को छोड़ने और अच्छे कर्म अपनाने का समय है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि नए वर्ष में भगवान की भक्ति, सेवा और परोपकार को जीवन का हिस्सा बनाएं।
नशा और गलत आचरण से दूर रहने की सलाह
महाराज ने कहा कि शराब, मांसाहार, हिंसा और अनैतिक आचरण से व्यक्ति का जीवन गलत दिशा में चला जाता है। उनके अनुसार, कई लोग नए साल के नाम पर इन आदतों को अपनाते हैं, लेकिन इससे सच्ची खुशी नहीं मिलती। उन्होंने स्पष्ट कहा कि असली आनंद धर्म और संयम में है, न कि नशे और गलत कार्यों में।
नव वर्ष पर अच्छे संकल्प लेने की अपील
प्रेमानंद महाराज ने नए साल के लिए कुछ जरूरी संकल्प बताए। उन्होंने कहा कि शराब और मांस का त्याग करें, क्रोध और हिंसा से बचें, पराई स्त्री के प्रति गलत विचार न रखें और ईमानदारी से जीवन जिएं। साथ ही नाम जप, भक्ति, दान और सेवा को बढ़ावा देने की बात कही।
समाज और बच्चों के लिए भी जरूरी संदेश
महाराज ने कहा कि अच्छे आचरण का असर केवल व्यक्ति पर ही नहीं, बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ी पर भी पड़ता है। बुरे कर्म जीवन में दुख लाते हैं, जबकि अच्छे कर्म सुख और शांति का मार्ग खोलते हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि मानव जीवन की मर्यादा को समझें और धर्म के रास्ते पर चलें।
सच्ची खुशी का मार्ग
अंत में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि वास्तविक प्रसन्नता भगवान की भक्ति और अच्छे कर्मों से मिलती है। उन्होंने सभी से नए साल पर अच्छे संकल्प लेने और जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने की अपील की, ताकि नया वर्ष सुख, शांति और मंगल से भरपूर हो।