Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Dec, 2025 01:17 PM

हिंदू घरों में तुलसी का पौधा सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि आस्था, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। लगभग हर घर के आंगन या गमले में तुलसी को विशेष श्रद्धा के साथ लगाया जाता है। लेकिन कई बार सही देखभाल, बीज गिरने या अनुकूल मौसम के कारण...
नेशनल डेस्क: हिंदू घरों में तुलसी का पौधा सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि आस्था, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। लगभग हर घर के आंगन या गमले में तुलसी को विशेष श्रद्धा के साथ लगाया जाता है। लेकिन कई बार सही देखभाल, बीज गिरने या अनुकूल मौसम के कारण तुलसी का पौधा जरूरत से ज्यादा फैलने लगता है। ऐसे में लोगों के मन में डर और असमंजस पैदा हो जाता है—खासतौर पर तब, जब मच्छरों या सांप जैसे जीवों का खतरा महसूस होने लगे।
इसी उलझन को लेकर एक महिला भक्त वृंदावन-मथुरा के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के पास पहुंचीं और उनसे पूछा कि अगर घर के आंगन में तुलसी बहुत अधिक फैल जाए, तो क्या उसे हटाना उचित है?
प्रेमानंद महाराज का संतुलित समाधान
प्रेमानंद महाराज ने इस प्रश्न का बेहद सहज और व्यावहारिक उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि घर का आंगन जंगल जैसा न बने और किसी प्रकार का भय न हो, इसके लिए तुलसी को एक निर्धारित स्थान या गमले में रखना बेहतर होता है। यदि तुलसी के बीज गिरने से कई जगह छोटे-छोटे पौधे उग आए हों, तो उन्हें उखाड़कर फेंकना नहीं चाहिए।
महाराज के अनुसार, ऐसे पौधों को श्रद्धा के साथ किसी ऐसे व्यक्ति को दे देना चाहिए, जो उन्हें अपने घर में लगाना चाहता हो। इससे तुलसी का सम्मान भी बना रहता है और घर की व्यवस्था भी।
बीजों का करें सम्मानपूर्वक संरक्षण
प्रेमानंद महाराज आगे बताते हैं कि यदि तुलसी के पौधे या बीज लेने वाला कोई न मिले, तो उन्हें किसी साफ, सुरक्षित और पवित्र स्थान पर स्थापित कर देना चाहिए। ध्यान रखें कि वह जगह ऐसी हो जहां पैरों से कुचले जाने या अपवित्र होने की संभावना न हो।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि घर में कम से कम एक तुलसी का पौधा गमले में विधिपूर्वक पूजन और देखभाल के साथ अवश्य होना चाहिए। इससे घर का वातावरण सकारात्मक बना रहता है और अनावश्यक परेशानियों से भी बचाव होता है।
धार्मिक दृष्टि से तुलसी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है और भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है। शास्त्रों में कहा गया है कि बिना तुलसी दल के विष्णु जी का भोग अधूरा माना जाता है। जिस घर में तुलसी का नियमित पूजन होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और मानसिक शांति बनी रहती है। नियमित तुलसी दर्शन और पूजन से तनाव घटता है, वातावरण शुद्ध रहता है और घर में सुख-समृद्धि का वास माना जाता है।