Edited By Shubham Anand,Updated: 28 Dec, 2025 05:25 PM

बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है! केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) बिजली की दरों में कमी लाने के लिए पावर एक्सचेंजों की ट्रांजैक्शन फीस घटाने पर विचार कर रहा है। जनवरी 2026 से शुरू होने वाले 'बाजार समेकन' (Market Coupling) के तहत फीस को 2 पैसे...
नेशनल डेस्क : अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो आने वाले समय में देशभर के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल सकती है। बिजली की दरों में संभावित कमी का रास्ता खुल सकता है। दरअसल, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) पावर ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर वसूली जाने वाली ट्रांजैक्शन फीस को तर्कसंगत बनाने की दिशा में गंभीरता से विचार कर रहा है। आयोग की यह पहल बिजली की कुल लागत को कम करने, बाजार में दक्षता बढ़ाने, नकदी प्रवाह को मजबूत करने और अलग-अलग एक्सचेंजों में कीमतों के अंतर को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है।
जनवरी 2026 से चरणबद्ध लागू होगा बदलाव
CERC की ओर से प्रस्तावित इस सुधार का सीधा फायदा समय के साथ बिजली खरीदने वाले उपभोक्ताओं को मिलने की संभावना है। आयोग ने इस साल जुलाई में करीब दो साल तक चले विचार-विमर्श के बाद बाजार समेकन को मंजूरी दी थी। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का प्रस्ताव है, जिसकी शुरुआत जनवरी 2026 से की जाएगी। बाजार समेकन का अर्थ है बिजली की खरीद-फरोख्त के लिए अलग-अलग पावर एक्सचेंजों को एकीकृत करना, ताकि पूरे सिस्टम में एक समान कीमत तय हो सके और पारदर्शिता बढ़े।
ट्रांजैक्शन फीस की समीक्षा कर रहा है CERC
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने दिसंबर 2025 में पावर एक्सचेंजों द्वारा वसूली जाने वाली ट्रांजैक्शन फीस की समीक्षा को लेकर एक विचार-पत्र को अंतिम रूप दिया है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आयोग यह जांच कर रहा है कि मौजूदा ट्रांजैक्शन फीस का ढांचा, जिसकी अधिकतम सीमा प्रति यूनिट दो पैसे है, क्या मौजूदा बाजार परिस्थितियों के अनुरूप है या नहीं। खासकर ऐसे समय में, जब बिजली बाजार में कारोबार की मात्रा तेजी से बढ़ी है और सिस्टम एकीकृत मूल्य खोज व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।
नए शुल्क ढांचे के विकल्पों पर मंथन
CERC जिन विकल्पों पर विचार कर रहा है, उनमें अधिकांश ट्रेडिंग सेगमेंट के लिए प्रति यूनिट 1.5 पैसे की फिक्स्ड ट्रांजैक्शन फीस तय करने का प्रस्ताव शामिल है। मौजूदा व्यवस्था के तहत पावर एक्सचेंज आमतौर पर अधिकतम तय सीमा के आसपास ही शुल्क वसूलते हैं। इसके अलावा, टर्म-अहेड मार्केट (TAM) कॉन्ट्रैक्ट के लिए प्रति यूनिट 1.25 पैसे की अपेक्षाकृत कम ट्रांजैक्शन फीस लगाने का भी प्रस्ताव है, जो इन कॉन्ट्रैक्ट्स की लंबी अवधि और तुलनात्मक रूप से कम परिचालन जटिलता को दर्शाता है।