भारत को इस साल कोयला संकट से नहीं जूझना पड़ेगा, केंद्रीय मंत्री बोले- मांग पूरी करना हमारी जिम्मेदारी

Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Jun, 2023 04:00 PM

india will not face any kind of coal crisis this year minister prahlad joshi

कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत को इस साल मानसून के दौरान किसी तरह के कोयला संकट से नहीं जूझना पड़ेगा।

नेशनल डेस्क: कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत को इस साल मानसून के दौरान किसी तरह के कोयला संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। जोशी ने यहां भूमिगत कोयला खनन पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोयले की मांग कैसी भी हो, सरकार उसको पूरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कोल इंडिया और कोयला मंत्रालय की ओर से देश को भरोसा दिलाता हूं कि इस साल मानसून के समय भी किसी तरह का कोयला संकट पैदा नहीं होगा।''

उन्होंने कहा कि तैयारियां अच्छी हैं और साल के दौरान मांग को पूरा करना ‘हमारी जिम्मेदारी' है। इसी कार्यक्रम में जोशी ने एक बातचीत में कहा कि सभी तापीय बिजली संयंत्रों के पास 3.5 करोड़ टन कोयला है। वहीं कोल इंडिया की खानों के मुहाने पर 6.5 करोड़ टन कोयला है। इसके अलावा निजी खनन कंपनियों के पास एक से 1.2 करोड़ टन कोयला है जो ढुलाई के चरणों में है। रैक के जरिये कोयले की ढुलाई के बारे में जोशी ने कहा कि मंत्रालय रेलवे के साथ इस बारे में काम कर रहा है।

इससे पहले मंत्री ने कोल इंडिया के ‘यूजी विजन प्लान' का अनावकरण किया। यह वित्त वर्ष 2027-28 तक कोल इंडिया की भूमिगत खानों से 10 करोड़ टन का उत्पादन हासिल करने की रूपरेखा है। फिलहाल कोल इंडिया अपनी भूमिगत खानों से 2.8 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करती है। उसकी अनुषंगी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. (एसईसीएल) इसमें 45 भूमिगत खानों के जरिये 1.15 करोड़ टन का योगदान देती है।

 

 

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