मुंह में घास दबाकर पुलवामा शहीदों की विधवाओं ने किया प्रदर्शन, बोलीं- ‘गहलोत जी मिल लीजिए, हम आतंकी नहीं’

Edited By Yaspal,Updated: 09 Mar, 2023 11:06 PM

pulwama martyrs  widows demonstrated by pressing grass in their mouth

पुलवामा में शहीद विधवाओं का जयपुर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। गुरुवार को उन्होंने मुंह में घास लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से न्याय की गुहार लगाई। बुधवार को महिलाओं ने सचिन पायलट के आवास पर प्रदर्शन किया

नेशनल डेस्कः पुलवामा में शहीद विधवाओं का जयपुर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया। गुरुवार को उन्होंने मुंह में घास लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से न्याय की गुहार लगाई। बुधवार को महिलाओं ने सचिन पायलट के आवास पर प्रदर्शन किया। गुरुवार को वे सीएम अशोक गहलोत से मिलने उनके आवास की ओर बढ़ीं लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। मौके पर पहुंचे बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि कार्रवाई में मारे गए सैनिकों की विधवाओं का राज्य सरकार ने अपमान किया है।

हम नहीं चाहते हिंसक प्रदर्शन
भाजपा सांसद ने कहा कि महिलाएं 10 दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं। जिनके पैसों से बंगलों में बैठे नेता हैं, उनसे वे मिलना चाहती हैं। बार-बार अनुरोध करने के बाद भी सीएम मिलने के लिए नहीं बुला रहे हैं। हम नहीं चाहते कि आंदोलन हिंसक हो, इसलिए महिलाओं ने अपने मुंह में हरी घास लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने का आग्रह किया है। मीणा ने कहा कि राजस्थान के मंत्रियों ने विधावाओं की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि इतनी मिन्नत करने पर भी दानव पिघल जाता है। मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च के दौरान एक विधवा सुंदरी गुर्जर पुलिस से हाथापाई के बाद बेहोश हो गई। मीणा ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन स्थल पर एक एंबुलेंस खड़ी थी जो सिर्फ दिखावा करने के लिए थी और करीब आधे घंटे तक उसे अस्पताल नहीं ले गई। सरकार ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है।

क्यों नौकरी देने का किया था वादा
एक प्रदर्शनकारी मंजू ने कहा कि वे उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई चाहते हैं जिन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। मुख्यमंत्री से आग्रह करती हूं कि अगर वह हमें बैठक के लिए नहीं बुलाना चाहते हैं तो हमारे पास आएं। उन्होंने हमारे घर जाकर नौकरी देने की घोषणा क्यों की? उनके मंत्रियों ने भी कहा कि हमारी मांगें मानी जाएंगी। हम उनके खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। पुलिस कर्मियों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया। हम लिखित में अपनी मांगों की मंजूरी चाहते हैं

हम उन पर बम नहीं फेकेंगे
एक अन्य प्रदर्शनकारी मधुबाला ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगी। हमसे मिलने में क्या समस्या है? हम आतंकवादी नहीं हैं जो उस पर बम फेंक देंगे। अगर वह हमसे मिलेंगे तो हम चले जाएंगे। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हम यहां बैठे रहेंगे। हम मुख्यमंत्री के बेटे की नौकरी नहीं छीन रहे हैं। एक अन्य प्रदर्शनकारी विधवा सुंदरी देवी ने कहा, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब हमें लिखित में मिलेगा तो हम संतुष्ट होंगे। यहां तक कि सचिन पायलट ने भी अब तक हमारे लिए कुछ नहीं किया है। इससे पहले सीएम गहलोत ने कहा कि शहीद के बच्चों के अधिकारों को छीनकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना न्यायोचित नहीं है। भाजपा उन्हें अपने संकीर्ण राजनीतिक हित के लिए इस्तेमाल कर रही है।

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