पंजाब सरकार बनी बेसहारा बच्चों का सहारा

Edited By Updated: 19 Jun, 2025 07:21 PM

punjab government became a support for helpless children

पंजाब सरकार बनी बेसहारा बच्चों का सहारा


चंडीगढ़, 19 जून:(अर्चना सेठी) पंजाब सरकार राज्य के बेसहारा बच्चों के सुनहरे भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए गोद लेने की प्रक्रिया को कानूनी और सुरक्षित बनाएगी।आज यहां महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में ‘एडॉप्शन रेगुलेशन-2022’ संबंधी राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अवसर पर संबोधित करते हुए पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बेसहारा बच्चों को कानूनी और सुरक्षित तरीके से गोद लेने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को गोद लेने की प्रक्रिया की जानकारी देना है, ताकि गोद लेने के बाद किसी भी प्रकार की कानूनी अड़चन न आए।

यह कार्यक्रम सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग पंजाब द्वारा केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक कोऑपरेशन एंड चाइल्ड डेवेलपमेंट (निपसड) मोहाली के सहयोग से आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि यह हमारे समाज की एक दुखद सच्चाई है कि कई बार नवजात बच्चों को छोड़ दिया जाता है या उनकी जान लेने जैसी घटनाएं घटित होती हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि जो परिवार सक्षम हैं और सुख-सुविधाओं से संपन्न हैं, वे इंसानियत के नाते ऐसे अनाथ और बेसहारा बच्चों को कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद लेने के लिए आगे आएं। इससे बच्चे को माता-पिता का प्यार मिलेगा और उसका भविष्य भी सुरक्षित होगा।

मंत्री ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गोद लेने की प्रक्रिया से जुड़े सभी भागीदारों को इसकी कानूनी प्रक्रिया की पूरी जानकारी हो। इससे भविष्य में प्रत्येक गोद लेने की प्रक्रिया नियमों के अनुसार और बेहतर ढंग से पूरी हो सकेगी।

डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार हर बच्चे को प्यार, सुरक्षा और अच्छे भविष्य की गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध है।

 उन्होंने बताया कि एडॉप्शन रेगुलेशन-2022 को राज्य में लागू करके बिना माता-पिता वाले बच्चों की ज़िंदगी में नए रंग भरने और उन्हें एक प्यार भरा घर उपलब्ध करवाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

पंजाब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से गोद लेने की प्रक्रिया से सीधे जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के ज्ञान में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कानूनी और सुरक्षित प्रक्रिया के तहत गोद लेने की व्यवस्था लागू करने से न केवल अनाथ और बेसहारा बच्चों को एक प्यार भरा घर मिलेगा, बल्कि उनका भविष्य भी उज्ज्वल होगा।
कारा
(CARA) की सीईओ भावना सक्सेना ने भी एडॉप्शन रेगुलेशन-2022 के तहत आयोजित इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया काफी जटिल और संवेदनशील होती है। इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए भविष्य में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का नियमित आयोजन बहुत ज़रूरी है, ताकि न केवल अधिकारियों की योग्यता और जानकारी में वृद्धि हो, बल्कि समाज में भी जागरूकता बढ़े और इन बच्चों को प्यार भरा घर मिल सके।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरेक्टर डॉ. शैना अग्रवाल, विशेष सचिव केशव हिंगोनिया, अतिरिक्त सचिव विम्मी भुल्लर के अलावा ज़िला मैजिस्ट्रेट कार्यालयों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों (सी डब्ल्यू सी), स्पेशल एडॉप्शन एजेंसियों (एस एस ए), ज़िला बाल संरक्षण इकाइयों (डी सी पी यू) और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

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