दिग्विजय सिंह ने की BJP-RSS की तारीफ तो राहुल गांधी ने ली चुटकी, बोले- 'आप बदमाशी कर गए'

Edited By Updated: 29 Dec, 2025 02:49 PM

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा बीजेपी और आरएसएस की संगठनात्मक ताकत की तारीफ के बाद पार्टी में असहजता देखी गई। मामले पर राहुल गांधी ने मजाकिया अंदाज में तंज कसा, जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने परोक्ष प्रतिक्रिया दी। दिग्विजय सिंह ने...

नेशनल डेस्क : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की संगठनात्मक ताकत की सराहना कर पार्टी के भीतर असहज स्थिति पैदा कर दी। हालांकि बाद में उन्होंने अपनी बात पर सफाई दी और स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस की नीतियों के घोर विरोधी हैं, लेकिन तब तक पार्टी के भीतर इस बयान को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी थीं।

सूत्रों के अनुसार, रविवार को कांग्रेस के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जब राहुल गांधी की मुलाकात दिग्विजय सिंह से हुई, तो उन्होंने हल्के-फुल्के और मजाकिया अंदाज में तंज कसते हुए कहा, “आप अपना काम कर गए। आप बदमाशी कर गए।” राहुल गांधी की इस टिप्पणी को दिग्विजय सिंह की हालिया टिप्पणी और उससे उपजे विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।

दिग्विजय मामले में रेवंत रेड्डी की भी एंट्री
इस पूरे घटनाक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रेवंत रेड्डी की भी एंट्री हो गई। हालांकि उन्होंने दिग्विजय सिंह का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को परोक्ष पलटवार के रूप में देखा जा रहा है। रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव और 2004 तथा 2009 में डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाकर देश के लिए बेहद सही फैसले लिए थे। उनके इस बयान को दिग्विजय सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट और संगठन से जुड़ी टिप्पणी के संदर्भ में देखा जा रहा है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पुरानी तस्वीर साझा की थी। इस तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फर्श पर आगे की ओर बैठे नजर आते हैं, जबकि उनके पीछे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी कुर्सी पर बैठे दिखाई देते हैं। इस तस्वीर को साझा करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, “कोरा वेबसाइट पर मुझे यह चित्र मिला। बहुत ही प्रभावशाली है। किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ-भाजपा का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। यह संगठन की शक्ति है। जय सियाराम।”

इस पोस्ट के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस के भीतर भी कई नेताओं ने इस टिप्पणी को लेकर असहजता जाहिर की। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान भी दिग्विजय सिंह ने पार्टी संगठन में विकेंद्रीकरण की जोरदार पैरवी की। बताया जा रहा है कि इस दौरान कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें टोका, वहीं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी यह कहते हुए हस्तक्षेप किया कि अभी और नेताओं को अपनी बात रखनी है।

दिग्विजय सिंह ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में अपनी सफाई पेश की। उन्होंने कहा, “मैंने संगठन की तारीफ की है। मैं आरएसएस और मोदी जी का घोर विरोधी था, घोर विरोधी हूं और रहूंगा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने बैठक में विकेंद्रीकरण की वकालत की है, तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे जो कहना था, वह मैंने बैठक में कह दिया।”

उन्होंने यह भी सवाल किया कि संगठन को मजबूत करने या उसकी सराहना करने में क्या गलत है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर आप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर मेरे कार्यकाल को देखें, तो पाएंगे कि मैंने हमेशा विकेंद्रीकृत तरीके से काम किया। यह मेरा व्यक्तिगत विचार है।”

कार्य समिति की बैठक से पहले और बैठक के दौरान दिग्विजय सिंह के इस रुख ने कांग्रेस के कई नेताओं को असहज कर दिया। बैठक के बाद जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, तो इस पूरे विवाद से जुड़े सवालों से बचते हुए पत्रकारों के प्रश्न नहीं लिए गए।

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