विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा खुलासा : अमेरिका से पीएम मोदी को आया था फोन, पाक करने वाला है बड़ा हमला

Edited By Updated: 01 Jul, 2025 04:08 PM

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भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे 'आर्थिक युद्ध' करार देते हुए कहा कि इसका मकसद कश्मीर की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना था, खासकर पर्यटन को। जयशंकर ने...

नेशनल डेस्क : भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे 'आर्थिक युद्ध' करार देते हुए कहा कि इसका मकसद कश्मीर की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना था, खासकर पर्यटन को। जयशंकर ने स्पष्ट रुप से कहा कि अगर भारत को परमाणु हमले की धमकी भी दी जाए, तब भी पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर भारत की कार्रवाई रुकने वाली नहीं है।

यह हमला केवल डराने के लिए नहीं था – जयशंकर

न्यूयॉर्क में एक बातचीत में जयशंकर ने कहा कि यह हमला केवल लोगों को डराने या अशांति फैलाने के लिए नहीं था, बल्कि कश्मीर की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन क्षेत्र को बर्बाद करने की साजिश थी। उन्होंने बताया कि इस तरह के हमलों से न केवल जानमाल का नुकसान होता है, बल्कि यह धार्मिक हिंसा को भी बढ़ावा देने की कोशिश होती है।

जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप के दावे को किया खारिज

जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच ट्रेड डील का दबाव बनाकर सीजफायर करवाया।  जयशंकर ने स्पष्ट किया, 'मैं खुद प्रधानमंत्री मोदी के साथ उस समय मौजूद था जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने फोन पर बात की थी, लेकिन उस बातचीत में ट्रेड डील का कोई जिक्र नहीं हुआ था।'

पाकिस्तान की धमकी पर भारत का जवाब

जयशंकर ने बताया कि 9 मई 2025 की रात, पाकिस्तान ने भारत पर बड़े हमले की चेतावनी दी थी। उस समय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी प्रकार का दबाव या डर नजरअंदाज करते हुए कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, 'मैं खुद उस कमरे में मौजूद था जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की और बताया कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है। लेकिन हमने कुछ शर्तें मानने से इनकार कर दिया और प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी धमकी से डरने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने साफ संकेत दिया कि यदि हमला हुआ तो भारत की ओर से जवाब जरूर दिया जाएगा।'

जयशंकर ने बताया कि पाकिस्तान ने उसी रात भारत पर बड़ा हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत, सटीक और कड़ा जवाब देकर यह दिखा दिया कि भारत अब हर खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

सीजफायर की पेशकश पर भारत का रुख

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि 10 मई की सुबह, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से उनकी बातचीत हुई थी, जिसमें रुबियो ने कहा कि पाकिस्तान अब बातचीत के लिए तैयार है। उसी दिन पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कॉल कर सीजफायर की अपील की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'यह हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक प्रकार का आर्थिक युद्ध था। इसका मकसद था कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन उद्योग को निशाना बनाना। आतंकियों ने लोगों की धार्मिक पहचान पूछकर उनकी हत्या की, जो साफ तौर पर देश में धार्मिक तनाव फैलाने की साज़िश थी। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई नया मुद्दा नहीं है, यह सालों से चलता आ रहा है। लेकिन पहलगाम हमले के बाद देश में यह भावना आ गई कि अब बहुत हो गया।'

सीजफायर पर ट्रंप का बड़ा दावा

हाल ही में द हेग (The Hague) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा था, 'मैंने कई ट्रेड कॉल्स करके भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को रोका, और दोनों देशों को कहा कि अगर लड़ाई जारी रही तो हम कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेंगे।" ट्रंप ने यह भी कहा कि इस पर भारत और पाकिस्तान दोनों ने जवाब दिया, 'आपको तो ट्रेड डील करनी ही है।' इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत कभी भी व्यापार को अपनी विदेश नीति या कूटनीतिक फैसलों से नहीं जोड़ता। ये दोनों अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं और ट्रंप का बयान में सच्चाई नहीं है।"


 

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