Edited By Shubham Anand,Updated: 27 Dec, 2025 02:49 PM

कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने अभिनेता सलमान खान को राजश्री पान मसाला के "भ्रामक विज्ञापन" मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। शिकायत में ₹5 के पाउच में महँगे केसर के दावे पर सवाल उठाए गए हैं। साथ ही, अदालत में पेश दस्तावेजों पर सलमान के...
नेशनल डेस्क : बॉलीवुड के बड़े सितारों पर आम जनता अक्सर आंख मूंदकर भरोसा करती है। जब कोई लोकप्रिय अभिनेता किसी उत्पाद का प्रचार करता है, तो उपभोक्ता यह मान लेते हैं कि वह वस्तु सुरक्षित और भरोसेमंद होगी। लेकिन अब इसी भरोसे को लेकर राजस्थान के कोटा स्थित कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन में एक अहम मामला सामने आया है, जिसने सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला अभिनेता सलमान खान द्वारा प्रचारित एक पान मसाला ब्रांड से जुड़ा हुआ है। अदालत में दायर शिकायत के अनुसार, विज्ञापन के जरिए उपभोक्ताओं को कथित तौर पर गुमराह किया गया है।
‘केसर युक्त’ दावे पर उठा सवाल
कोटा के अधिवक्ता इंद्र मोहन सिंह हनी ने कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि राजश्री पान मसाला के विज्ञापनों में यह दावा किया जाता है कि उत्पाद “केसर युक्त” है। शिकायतकर्ता का तर्क है कि बाजार में शुद्ध केसर की कीमत लगभग 4 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक होती है।
ऐसे में यह सवाल उठता है कि मात्र 5 रुपये में बिकने वाले एक पाउच में वास्तविक केसर की मौजूदगी कैसे संभव है। शिकायत में इसे उपभोक्ताओं के साथ भ्रामक प्रचार (Misleading Advertisement) बताया गया है। आरोप लगाया गया है कि ऐसे दावे खासतौर पर युवाओं को आकर्षित करते हैं और उन्हें पान मसाले जैसे उत्पादों के सेवन की ओर प्रेरित करते हैं, जिनसे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम जुड़े होते हैं।
सेलिब्रिटी की भूमिका पर सवाल
शिकायत में यह भी कहा गया है कि जब सलमान खान जैसे बड़े अभिनेता किसी उत्पाद का प्रचार करते हैं, तो आम लोग बिना सवाल किए उस पर भरोसा कर लेते हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार, इसी भरोसे का फायदा उठाकर उत्पाद को सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाला दर्शाया गया, जबकि वास्तविकता कुछ और हो सकती है। यह मामला केवल एक विज्ञापन तक सीमित नहीं है, बल्कि उपभोक्ता अधिकारों और सामाजिक जिम्मेदारी से भी जुड़ा हुआ है।
दस्तावेज़ों के हस्ताक्षर पर विवाद
मामला उस समय और गंभीर हो गया जब अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए गए। 9 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि सलमान खान की ओर से दाखिल जवाब और पावर ऑफ अटॉर्नी पर किए गए हस्ताक्षर संदिग्ध प्रतीत होते हैं।शिकायतकर्ता का दावा है कि इन दस्तावेजों पर मौजूद हस्ताक्षर सलमान खान के उन हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते, जो उन्होंने पूर्व में जोधपुर जेल और संबंधित अदालत में किए थे। आरोप लगाया गया है कि दोनों हस्ताक्षरों में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है, जिससे यह आशंका पैदा होती है कि कहीं अदालत में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज तो प्रस्तुत नहीं किए गए।
कोर्ट ने लिया सख्त संज्ञान
कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए हस्ताक्षरों की फॉरेंसिक जांच कराने का आदेश दिया है, ताकि दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि की जा सके। इसके साथ ही अदालत ने सलमान खान को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जिन अधिवक्ता आर.सी. चौबे ने इन दस्तावेजों को नोटराइज किया था, उन्हें भी अदालत में तलब किया जाए, ताकि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा सके।
इस मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को निर्धारित की गई है। उस दिन सलमान खान को स्वयं अदालत में पेश होना होगा। माना जा रहा है कि यह केस भविष्य में सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट, भ्रामक विज्ञापन और उपभोक्ता अधिकारों से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है।