Edited By Mehak,Updated: 22 Sep, 2025 03:18 PM

आज से देशभर में शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान प्रत्येक दिन देवी के प्रिय भोग अर्पित करना जरूरी माना जाता है। वहीं, कुछ फलों और वस्तुओं को भूलकर भी...
नेशनल डेस्क : आज से देशभर में शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो चुका है। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान प्रत्येक दिन देवी के प्रिय भोग अर्पित करना जरूरी माना जाता है। वहीं, कुछ फलों और वस्तुओं को भूलकर भी माता को अर्पित करना वर्जित है। इन नियमों का पालन करने से भक्तों को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और उनकी पूजा पूर्ण मानी जाती है।
नवरात्र में खाने-पीने की विशेष सावधानी
नवरात्र के दौरान सात्विक भोजन का पालन करना जरूरी है।
- प्याज, लहसुन, मांसाहार और मदिरा का सेवन वर्जित है।
- दिनभर उपवास करने के बाद रात्रि में भोजन केवल माता को भोग अर्पित करने के बाद ही करना चाहिए।
मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनका प्रिय भोग
मां शैलपुत्री – बादाम का हलवा और घी से बनी मिठाइयां
मां ब्रह्मचारिणी – मिश्री और शक्कर
मां चंद्रघंटा – खीर
मां कुष्मांडा – मालपुए
मां स्कंदमाता – केले
मां कात्यायनी – शहद या शहद से बने व्यंजन
मां कालरात्रि – गुड़ और गुड़ से बनी चीजें
मां महागौरी – नारियल और नारियल से बने पकवान
मां सिद्धिदात्री – चना और हलवा-पूरी
नवरात्र में मां को नहीं अर्पित करने वाले फल
माता को नींबू, इमली, सूखा नारियल, नाशपाती और अंजीर का भोग नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही, जूठे या खराब फल अर्पित करना वर्जित है। अगर भक्त गलती से भी इन फलों को अर्पित कर देते हैं, तो माता रानी नाराज हो सकती हैं।
मां के पसंदीदा फल
नवरात्र के दौरान अनार, बेल, आम, शरीफा, सिंघाड़ा और जटा वाला नारियल जैसे फल माता को अर्पित करना शुभ और लाभकारी माना जाता है।