Edited By Sahil Kumar,Updated: 25 Dec, 2025 03:06 PM

चांदी की कीमतों में तेजी जारी है और इस साल अब तक यह सोने से बेहतर प्रदर्शन कर चुकी है। वर्तमान में 1 किलो चांदी 2,23,740 रुपए पर ट्रेड कर रही है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बढ़ती मांग, फिजिकल सप्लाई की कमी, चांदी-आधारित ETF में निवेश और चीन की निर्यात...
नेशनल डेस्कः चांदी की कीमतों में तेजी जारी है और इस साल अब तक इसका प्रदर्शन सोने से भी बेहतर रहा है। फिलहाल चांदी 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार ट्रेड कर रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चांदी की कीमतों को बढ़ावा देने वाले कई फैक्टर्स मौजूद हैं, जिससे इसकी तेजी बरकरार रहने की संभावना है। वेंचुरा के कमोडिटी और CRM हेड एनएस रामास्वामी का अनुमान है कि अगले साल चांदी के दाम $100 प्रति औंस (करीब 3 लाख रुपए प्रति किलो) तक पहुंच सकते हैं।
138% से अधिक रिटर्न
इस साल अब तक चांदी ने 138% से अधिक रिटर्न दिया है। निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और औद्योगिक मांग में वृद्धि के कारण चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखा जा रहा है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांदी की मांग और आपूर्ति में पहले से ही अंतर है और आने वाले समय में यह अंतर और बढ़ सकता है। मांग बढ़ने और आपूर्ति सीमित रहने पर कीमतों में तेजी लाजमी है।
ब्याज दरों में कटौती
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी कमोडिटी रिसर्च, कायनात चैनवाला ने बताया कि फिजिकल सप्लाई की कमी, सेफ-हेवन में बढ़ती मांग, चांदी-आधारित ETF में मजबूत इनफ्लो और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती से चांदी की मजबूती बरकरार है। इसके अलावा, चीन द्वारा चांदी के निर्यात को सीमित करने की योजना से ग्लोबल मार्केट पर दबाव बढ़ सकता है।
चीन चांदी के निर्यात पर नियंत्रण रखेगा
चैनवाला के मुताबिक, वैश्विक बाजार में चीन से आने वाली चांदी का स्टॉक पहले ही दशक में सबसे कम है। जनवरी 2026 से चीन चांदी के निर्यात पर नियंत्रण रखेगा। नई नीति के तहत केवल वे कंपनियां ही निर्यात कर सकेंगी, जो सालाना कम से कम 80 टन चांदी का उत्पादन करती हैं। इससे फिजिकल दबाव बढ़ सकता है और चांदी के दामों में तेजी आ सकती है।
अगले साल चांदी के दाम
वेंचुरा के कमोडिटी और CRM हेड एनएस रामास्वामी का अनुमान है कि अगले साल चांदी के दाम $100 प्रति औंस (करीब 3 लाख रुपए प्रति किलो) तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि चांदी ग्रीन एनर्जी ट्रांज़िशन और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि तेजी के बाद बड़ी गिरावट भी आ सकती है। गुडरिटर्न्स के अनुसार, इस साल सोना और चांदी दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन चांदी की तेजी सोने से अधिक रही है।