Silver Rates Crash: एक झटके में इतने किलो सस्ती हो गई चांदी, सामने आए ये 3 बड़े कारण

Edited By Updated: 29 Dec, 2025 04:20 PM

silver prices have dropped by so many kilograms in one go these 3 major reasons

सोमवार को चांदी की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला। MCX पर भाव पहले रिकॉर्ड 2.54 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंचा, लेकिन मुनाफावसूली और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोर संकेतों के चलते एक घंटे में ही करीब 21,500 रुपये गिर गया। वैश्विक स्तर...

नेशनल डेस्क : सोमवार को चांदी के बाजार में खूब हलचल रही। सुबह के कारोबार में चांदी के भाव ने MCX पर नया रिकॉर्ड बनाते हुए 2,54,174 रुपये प्रति किलो का स्तर छू लिया। निवेशकों को लग रहा था कि साल 2025 का यह आखिरी कारोबारी सत्र चांदी के नाम होगा। लेकिन थोड़ी ही देर बाद अचानक बाजार में 21,500 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई और चांदी का भाव 2,32,663 रुपये प्रति किलो तक लुढ़क गया।

अचानक गिरावट का कारण

जानकारों का कहना है कि यह अचानक गिरावट कोई अनहोनी नहीं थी। सुबह तेजी के बाद निवेशक प्रॉफिट सुरक्षित करने के लिए चांदी बेचने लगे, जिससे कीमतों में तेज गिरावट आई। इस गिरावट को बाजार विशेषज्ञ एक सामान्य 'प्रॉफिट बुकिंग' की प्रतिक्रिया मानते हैं।

इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव देखा गया। शुरुआत में वैश्विक चांदी की कीमतें $80 प्रति औंस तक पहुंच गईं, लेकिन बाद में गिरकर $75 प्रति औंस पर आ गईं। यूक्रेन-रूस तनाव में कुछ शांति की खबरों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश यानी ‘Safe-Haven’ संपत्तियों से दूर किया, जिसका सीधा असर घरेलू बाजार पर पड़ा।

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चांदी में तेजी के पीछे के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारण हैं:

1. औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी: ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर पैनल जैसे क्षेत्रों में चांदी का लगातार इस्तेमाल बढ़ रहा है।

2. सुरक्षित निवेश की ओर रुचि: आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते निवेशक गोल्ड और सिल्वर जैसी सुरक्षित संपत्तियों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं।

3. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक घटनाओं से चांदी की मांग बढ़ती जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले एक साल में चांदी ने जबरदस्त रिटर्न दिया है। दिसंबर 2024 में चांदी का भाव लगभग 90,000 रुपये प्रति किलो था, जो अब लगभग 2.54 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, यानी करीब 150% की वृद्धि हुई है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं

विशेषज्ञों का कहना है कि चांदी में इस तेजी और गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि अचानक आए उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं और लंबी अवधि के लिए सोचकर निवेश करें। चांदी में तेजी औद्योगिक मांग, सुरक्षित निवेश की आवश्यकता और वैश्विक संकेतों से बनी हुई है।


 

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