Edited By Parveen Kumar,Updated: 26 Dec, 2025 09:30 PM

यह किसी फिल्मी कहानी जैसा लग सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सच्ची घटना है। साइबर ठग अब लोगों के बैंक अकाउंट खाली करने के लिए हर दिन नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। हाल ही में एक व्यक्ति को सिर्फ एक छोटी-सी गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ी, जब उसके अकाउंट से...
नेशनल डेस्क: यह किसी फिल्मी कहानी जैसा लग सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से सच्ची घटना है। साइबर ठग अब लोगों के बैंक अकाउंट खाली करने के लिए हर दिन नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। हाल ही में एक व्यक्ति को सिर्फ एक छोटी-सी गलती की भारी कीमत चुकानी पड़ी, जब उसके अकाउंट से करीब 6 लाख रुपये गायब हो गए। दरअसल, उस व्यक्ति के मोबाइल पर 500 रुपये के ट्रैफिक चालान को लेकर एक फर्जी SMS आया और यहीं से पूरे खेल की शुरुआत हुई।
ठगों ने पहले एक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था कि आपका ट्रैफिक चालान कटा है और तुरंत भुगतान न करने पर जुर्माना बढ़ सकता है। मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया गया था, जिसे असली समझकर व्यक्ति ने उस पर क्लिक कर दिया। जैसे ही उसने चालान भरने के लिए पेमेंट डिटेल्स डालनी शुरू कीं, ठगों को उसके मोबाइल और बैंकिंग जानकारी का एक्सेस मिल गया। इसके बाद साइबर अपराधियों ने उसके खाते से कई ट्रांजैक्शन किए और देखते ही देखते करीब 6 लाख रुपये निकाल लिए।
साइबर क्राइम अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे स्कैम ज्यादातर नकली वेबसाइट्स के जरिए किए जाते हैं, जो बिल्कुल सरकारी पोर्टल्स जैसी दिखती हैं। कई बार ये लिंक फोन में खतरनाक सॉफ्टवेयर भी इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे ठग फोन का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं। अधिकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि ट्रैफिक डिपार्टमेंट कभी भी SMS, ईमेल या WhatsApp के जरिए सीधे पेमेंट लिंक नहीं भेजता।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी है कि चालान हमेशा Parivahan वेबसाइट या राज्य की आधिकारिक ट्रैफिक पुलिस वेबसाइट पर जाकर ही चेक और भुगतान करें। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और न ही कार्ड डिटेल, पिन या OTP जैसी जानकारी साझा करें। साथ ही, किसी भी लिंक या APK फाइल के जरिए ऐप डाउनलोड करने से बचें और सिर्फ आधिकारिक ऐप स्टोर का ही इस्तेमाल करें, ताकि आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके।