‘देश रतन सम्मान 2025’ अवॉर्ड से सम्मानित हुए दिनेश भट्ट

Edited By Updated: 27 Dec, 2025 02:26 PM

special educator dinesh bhatt honored desh ratan samman 2025

प्रख्यात स्पेशल एजुकेटर दिनेश भट्ट को शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण में उनके 25 वर्षों के उत्कृष्ट योगदान के लिए 'देश रतन सम्मान 2025' से नवाजा गया है। उन्होंने डिस्लेक्सिया, ऑटिज़्म और एडीएचडी जैसी चुनौतियों के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने और...

नई दिल्ली : शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रख्यात लर्निंग डिसएबिलिटी एक्सपर्ट एवं स्पेशल एजुकेटर दिनेश भट्ट को वर्ष 2025 का ‘देश रतन सम्मान’ प्रदान किया गया है। यह सम्मान बच्चों के सीखने से जुड़ी चुनौतियों के क्षेत्र में उनके 25 वर्षों से अधिक के निरंतर, समर्पित और प्रभावशाली कार्य के लिए दिया गया।

आरसीआई प्रमाणित स्पेशल एजुकेटर (Rehabilitation Council of India) दिनेश भट्ट ने ऐसे समय में इस क्षेत्र में कार्य शुरू किया, जब डिस्लेक्सिया, ऑटिज़्म और एडीएचडी जैसी स्थितियों को लेकर समाज में जागरूकता का अभाव था। उन्होंने न केवल बच्चों के साथ प्रत्यक्ष रूप से कार्य किया, बल्कि अभिभावकों, शिक्षकों और समाज की सोच बदलने की दिशा में भी निरंतर प्रयास किए।

शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक जागरूकता अभियान
दिनेश भट्ट द्वारा उत्तर भारत के प्रमुख स्कूलों एवं कॉलेजों, शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों, शैक्षणिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं में अनेक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षकों को यह समझने में सहायता मिली कि सीखने से जुड़ी कठिनाइयाँ कोई बीमारी नहीं, बल्कि सामान्य न्यूरोलॉजिकल चुनौतियाँ हैं, जिन्हें सही समय पर पहचान और सहयोग से काफी हद तक सुधारा जा सकता है। उनकी कार्यशालाओं में वैज्ञानिक तथ्यों के साथ-साथ व्यवहारिक समाधान प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे शिक्षक और अभिभावक बच्चों की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझ सकें।

परिणामों ने बदली सोच
दिनेश भट्ट के मार्गदर्शन में डिस्लेक्सिया, ऑटिज़्म और एडीएचडी से प्रभावित अनेक विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की है। इनमें से कई छात्र आज उच्च शिक्षा, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और विभिन्न रचनात्मक क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहे हैं। शिक्षकों और अभिभावकों का मानना है कि सही मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग से बच्चों में आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में सामाजिक परिवर्तन
दिनेश भट्ट का योगदान केवल शहरी और प्रतिष्ठित संस्थानों तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी और वंचित समुदायों में निःशुल्क जांच, परामर्श और जागरूकता कार्यक्रम चलाकर सामाजिक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। इन क्षेत्रों में उन्होंने परिवारों को यह समझाया कि उनके बच्चे किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं, बल्कि उन्हें छोटी-छोटी न्यूरोलॉजिकल चुनौतियाँ हैं, जिन्हें समय रहते सुधारा जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप उन बच्चों को, जिन्हें पहले नज़रअंदाज़ किया जाता था, अब स्कूलों में प्रवेश मिल रहा है और समाज में स्वीकार्यता बढ़ी है।

लेखन और राष्ट्रीय पहचान
दिनेश भट्ट ‘Decoding Dyslexia’ पुस्तक के सह-लेखक हैं, जिसे शिक्षकों और अभिभावकों के बीच व्यापक सराहना मिली है। उनके कार्यों को विभिन्न राष्ट्रीय समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है। इससे पूर्व भी उन्हें अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

समर्पण की मिसाल
‘देश रतन सम्मान 2025’ दिनेश भट्ट के उस जीवन-दर्शन का प्रतीक है, जिसमें सेवा, संवेदना और संकल्प को सर्वोच्च स्थान दिया गया। उनका कार्य यह संदेश देता है कि सही जानकारी, धैर्य और निरंतर प्रयास से हर बच्चे को आगे बढ़ने का अवसर दिया जा सकता है।

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