भारत के इस राज्य में है दुनिया का सबसे गरीब परिवार, पूरे साल में कमाता है केवल 2 रुपए, ये रहा प्रमाणपत्र!

Edited By Updated: 02 Oct, 2024 12:13 PM

state of india has poorest family in world they earn only 2 rupees

मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक अनोखी खबर आई है। यहां के तहसील ऑफिस में एक ऐसे परिवार का इनकम सर्टिफिकेट जारी किया गया है, जिसमें सालभर की आय सिर्फ दो रुपये लिखी गई है।

नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक अनोखी खबर आई है। यहां के तहसील ऑफिस में एक ऐसे परिवार का इनकम सर्टिफिकेट जारी किया गया है, जिसमें सालभर की आय सिर्फ दो रुपये लिखी गई है। यह मामला सागर के बंडा तहसील से संबंधित है, और इसमें तहसीलदार के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं। इस अनोखी स्थिति ने सभी को हैरान कर दिया है और सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वास्तव में कोई परिवार इतना गरीब हो सकता है। इस मामले की जांच की जा रही है ताकि सही जानकारी और तथ्यों का पता लगाया जा सके।

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इनकम सर्टिफिकेट की जानकारी
यह आय प्रमाण पत्र जनवरी 2024 में जारी किया गया था। इस प्रमाण पत्र में पूरे परिवार की आय केवल दो रुपये दर्शाई गई है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब सोमवार को इस सर्टिफिकेट की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर इस सर्टिफिकेट के वायरल होने से लोगों में हलचल मच गई, और इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। कई लोग इसे प्रशासन की लापरवाही मान रहे हैं, जबकि कुछ इस पर आश्चर्य प्रकट कर रहे हैं कि क्या कोई परिवार वास्तव में इतनी कम आय पर जीवनयापन कर सकता है। यह घटना स्थानीय प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गई है, जिसे अब जल्द से जल्द सुलझाना जरूरी है।

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वायरल होने पर विभाग में हड़कंप

जब यह सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो विभाग में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, बंडा तहसील के घोघरा गांव का एक 12वीं कक्षा का छात्र बलराम छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) के लिए आय प्रमाण पत्र का आवेदन करने गया था। बलराम ने बताया कि जब उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था, तो उन्होंने अपनी सालाना आय 40 हजार रुपये दर्शाई थी। लेकिन तहसील के बाबू ने गलती से इसे मात्र 2 रुपये अंकित कर दिया। बलराम ने यह भी बताया कि तहसीलदार कार्यालय में किसी ने भी दस्तावेजों को ध्यान से नहीं पढ़ा। तत्कालीन तहसीलदार ज्ञानचंद राय ने बिना सही जांच किए हस्ताक्षर कर ऑनलाइन आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया। अब बलराम अपने प्रमाण पत्र में सुधार चाहते हैं। इसके लिए वे आवश्यक आवेदन भी कर रहे हैं, ताकि उनकी सही आय को दर्ज किया जा सके।

तहसीलदार का बयान
बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कहा कि यह आय प्रमाण पत्र उनकी पदस्थापना से पहले जारी किया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सर्टिफिकेट की जांच चल रही है।प्रारंभिक जांच से यह सामने आया है कि यह एक मानवीय गलती (ह्यूमन एरर) हो सकती है। तहसीलदार ने आश्वासन दिया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही सही जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस स्थिति में उचित कदम उठाने के लिए सभी दस्तावेजों का पुनः मूल्यांकन किया जा रहा है।

जांच की प्रक्रिया
तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने आश्वासन दिया है कि आवेदक को जल्द ही नए सिरे से आय प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसके साथ ही, सभी दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है ताकि इस अनोखे मामले का सही समाधान निकाला जा सके।

 

 

 

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