Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Jul, 2025 10:19 AM

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई लोग बार-बार छोटी-छोटी चीजें भूल जाते हैं. कभी चाबी रखकर भूल जाना, कभी किसी का नाम याद न आना, या फिर ये सोचते रहना कि गैस बंद की या नहीं. यह मामूली थकान से ज्यादा कुछ हो सकता है. ये आपके दिमाग की याददाश्त कमजोर होने...
नेशनल डेस्क: आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई लोग बार-बार छोटी-छोटी चीजें भूल जाते हैं. कभी चाबी रखकर भूल जाना, कभी किसी का नाम याद न आना, या फिर ये सोचते रहना कि गैस बंद की या नहीं. यह मामूली थकान से ज्यादा कुछ हो सकता है. ये आपके दिमाग की याददाश्त कमजोर होने का संकेत भी हो सकता है. याददाश्त का कमजोर होना शुरुआती दौर में पहचान लेना बहुत ज़रूरी है ताकि सही समय पर इलाज और सुधार किया जा सके. आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और कैसे अपनी याददाश्त को फिर से मजबूत बनाया जा सकता है.
याददाश्त कमजोर होने के शुरुआती संकेत
याददाश्त कमजोर होने पर सबसे पहले आपको छोटे-छोटे बदलाव नजर आते हैं. जैसे-
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जरूरी चीज़ें बार-बार भूल जाना।
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हाल की बात याद न आना।
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बार-बार एक ही बात पूछना।
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एकाग्रता में कमी आना।
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ज़रूरी कामों में गलतियां बढ़ना।
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किसी के नाम या जगह का नाम भूल जाना।
अगर ये आदतें रोज़मर्रा के कामों को प्रभावित करने लगें तो इसे हल्के में न लें. यह ध्यान देने का समय है.
याददाश्त कमजोर होने के प्रमुख कारण
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एकाग्रता की कमी
जब आपका मन कई चीज़ों में उलझा रहता है तो दिमाग ठीक से कोई बात पकड़ नहीं पाता. सोच का बिखराव आपकी याददाश्त को कमजोर करता है.
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गलत खानपान और पोषण की कमी
दिमाग को सही काम करने के लिए विटामिन B12, ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है. तले-भुने, अधिक मीठे और मसालेदार भोजन से बचें क्योंकि यह दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं.
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नींद की कमी
पूरा आराम न मिलने से दिमाग ठीक से काम नहीं करता. नींद पूरी न होने पर दिनभर की बातें याद रखना मुश्किल हो जाता है और भूलने की समस्या बढ़ जाती है.
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तनाव और चिंता
लगातार तनाव में रहने से दिमाग पर बोझ बढ़ जाता है और याददाश्त प्रभावित होती है.
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उम्र का असर
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दिमाग की कोशिकाएं धीमे काम करने लगती हैं, जिससे याददाश्त कमजोर होती है.
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दवाइयों और नशे का प्रभाव
कुछ दवाएं और नशीली चीज़ें दिमाग की कार्यप्रणाली को धीमा कर देती हैं, जिससे याददाश्त कमज़ोर हो सकती है.
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सिर में चोट लगना
गहरी चोट लगने से दिमाग की कुछ यादें कमजोर या खत्म हो सकती हैं.
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बीमारियां
अल्ज़ाइमर, थायरॉयड की समस्या, ब्रेन ट्यूमर या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर भी याददाश्त पर बुरा असर डाल सकते हैं.
याददाश्त कैसे मजबूत करें?
याददाश्त को फिर से तेज़ और मजबूत बनाने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं:
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संतुलित आहार लें
हरी सब्जियां, ताजे फल, दूध, बादाम, अखरोट और विटामिन B12 से भरपूर भोजन करें. यह आपके दिमाग को पोषण देगा और याददाश्त बेहतर करेगा.
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योग और ध्यान करें
रोजाना थोड़ा योग और ध्यान करने से मन शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है.
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दिमागी कसरत करें
नई चीजें सीखें, पहेलियां हल करें या कोई नई भाषा सीखने की कोशिश करें. इससे दिमाग सक्रिय रहता है.
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नींद पूरी करें
दिन में कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें. नींद से दिमाग आराम पाता है और याददाश्त बढ़ती है.
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तनाव कम करें
तनाव को कम करने के लिए संगीत सुनना, प्रकृति में समय बिताना या मनपसंद हॉबी में व्यस्त रहना लाभकारी होता है.
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मोबाइल और गैजेट्स का कम उपयोग करें
अधिक समय तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन देखने से दिमाग पर दबाव पड़ता है. समय-समय पर ब्रेक लें.
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नशे से बचें
धूम्रपान, शराब या किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें.
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डॉक्टर से सलाह लें
अगर याददाश्त कमजोर होने के लक्षण ज्यादा समय तक बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें.