'कोर्ट में मामला 2018 से चल रहा था, भाजपा का कोई लेना-देना नहीं', कांग्रेस पर BJP का पलटवार

Edited By Yaspal,Updated: 24 Mar, 2023 08:32 PM

the case was going on in the court since 2018 bjp has nothing to do

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि सूरत की अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होनी तय थी

नेशनल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि सूरत की अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होनी तय थी, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने निचली अदालत के फैसले पर रोक के लिए ऊपरी अदालत का रुख क्यों नहीं किया, जबकि पवन खेड़ा के मामले में असम पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार किये जाने के कुछ ही घंटों के भीतर ऐसा किया गया था।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में यह सवाल भी उठाया कि राहुल गांधी को ‘निपटाने' के लिए कांग्रेस में सुनियोजित षड़यंत्र किसने रची, इसका पता लगाने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को इसकी जड़ तक जाना होगा। भाजपा नेताओं ने गांधी को दोषी ठहराने के अदालत के फैसले की आलोचना करने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ‘सामंती मानसिकता' और ‘अपने पास विशेषाधिकार होने की भावना' से ग्रस्त है, क्योंकि इसके सदस्य अपने लिए अलग कानूनों और लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास करते हैं।

प्रधान ने कहा, ‘‘कानून सभी के लिए बराबर है।'' उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मोदी उपनाम' वालों को ‘चोर' कहकर गांधी ने पिछड़ी जातियों को ‘‘गाली'' देने का काम किया है। ठाकुर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सजा के बाद सांसद के रूप में राहुल गांधी की छुट्टी होनी थी, यह स्पष्ट था। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह सुनियोजित षड्यंत्र, सोची समझी साजिश... कांग्रेस में किसने रची, राहुल जी आपको यह समझना पड़ेगा...इसकी जड़ तक जाना ही पड़ेगा।'' उन्होंने सवाल किया कि (कांग्रेस में) कौन हैं, जो उनसे ‘छुटकारा' पाना चाहते थे?

ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के पास तो कानून के जानकार वकीलों की फौज है, नामी गिरामी वकील हैं, जो लोकसभा में भी हैं और राज्यसभा में भी। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या एक भी सही राय देने वाला कांग्रेस में नहीं बचा या मिला अथवा उन्हें जानबूझकर गलत रास्ते पर डाला गया।''

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपमानजक टिप्पणी के सिलसिले में पवन खेड़ा की गिरफ्तारी मामले का भी जिक्र किया और कहा कि इसी तरह राहुल गांधी के मामले में राहत के लिए अदालत जाने से कांग्रेस को किसने मना किया था।

ठाकुर ने कहा, ‘‘उन्होंने (गांधी ने) अपनी ही पार्टी का अध्यादेश फाड़कर फेंक दिया था और अपनी पार्टी को अपनी औकात दिखा दी थी कि कांग्रेस पार्टी की सोच को वह कुछ नहीं मानते। आज उसी पार्टी के अंदर किसने खेल खेल दिया, आज कांग्रेस नेता को पता नहीं चल पा रहा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी को निपटाने वाले कौन हैं? कांग्रेस के अंदर यह सोची समझी साजिश रचने वाले कौन हैं? अगर पवन खेड़ा के लिए चंद घंटों में वकील पहुंच सकते थे, तो श्रीमान् राहुल गांधी जी के लिए क्यों नहीं? एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।''

ज्ञात हो कि पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय का का रुख किया था। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत में इस बारे में एक याचिका दाखिल की थी। कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी थी। गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए प्रधान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहती है, खासकर उसका प्रमुख परिवार चाहता है कि उनके लिए एक अलग कानून और एक अलग न्यायपालिका हो। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह भूल गए हैं कि देश आजादी के 75वें साल में है और यहां प्रजातंत्र है। यहां कानून सबके लिए बराबर होता है।''

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