Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Dec, 2025 04:49 PM

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 'वीर बाल दिवस' पर कहा कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई जाएगी। शर्मा वीर बाल दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय में प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे...
नेशनल डेस्क। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 'वीर बाल दिवस' पर कहा कि गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई जाएगी। शर्मा वीर बाल दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय में प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रप्रेम, धर्मरक्षा और मानव मूल्यों की अमर मिसाल है।
उन्होंने विशेष रूप से छोटे साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को स्मरण करते हुए बताया कि किस प्रकार अल्पायु में भी उन्होंने अत्याचार के आगे झुकने से इनकार कर अपने धर्म और मूल्यों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि माता गुजरी जी के त्याग और साहस को भी प्रदर्शनी के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
पार्टी के बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि साहिबजादों के बलिदान की गौरव गाथा को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ी को उनके बलिदान, इतिहास और गौरव गाथाओं से परिचित कराया जा सके। यह प्रदर्शनी सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों जोरावर सिंह एवं फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान, त्याग और शहादत को समर्पित थी।
प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री शर्मा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने किया। इस अवसर पर राठौड़ ने अपने संबोधन में हिंदू–सिख एकता पर बल देते हुए कहा कि दोनों धर्मों का मूल स्वरूप, मूल्य और राष्ट्रप्रेम की भावना समान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब समाज धर्म या मजहब के आधार पर विभाजित होता है, तो राष्ट्र को गंभीर क्षति उठानी पड़ती है।
उन्होंने विदेशी उदाहरणों विशेषकर बांग्लादेश का उल्लेख करते हुए राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक समरसता की आवश्यकता पर जोर दिया। राठौड़ ने कहा कि साहिबजादों की शहादत युवा पीढ़ी को यह संदेश देती है कि राष्ट्रसेवा और धर्मरक्षा उम्र की मोहताज नहीं होती।