Edited By Mehak,Updated: 26 Dec, 2025 06:30 PM

अमेजन, जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट, फ्लिपकार्ट और जैप्टो से जुड़े गिग वर्कर्स ने 31 दिसंबर 2025 से राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। वर्कर्स का कहना है कि कंपनियों का मुनाफा बढ़ रहा है, लेकिन उनकी कमाई और कार्य परिस्थितियां लगातार खराब हो रही हैं।...
नेशनल डेस्क : अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट और जैप्टो जैसे बड़े ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स से जुड़े गिग वर्कर्स ने 31 दिसंबर 2025 से देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इससे पहले भी 25 दिसंबर से कई राज्यों में गिग वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वर्कर्स का कहना है कि कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन उनकी कामकाजी स्थिति और कमाई दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।
किसके नेतृत्व में हो रही है हड़ताल
यह हड़ताल तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के बैनर तले आयोजित की जा रही है। यूनियनों के अनुसार, इसमें मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर-2 शहरों के बड़ी संख्या में गिग वर्कर्स शामिल होंगे। ऐसे में देशभर में ऑनलाइन डिलीवरी सेवाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है।
वर्कर्स की प्रमुख शिकायतें
गिग वर्कर्स का आरोप है कि ऐप-आधारित कंपनियां एल्गोरिदम के जरिए भुगतान, टारगेट और इंसेंटिव तय करती हैं, लेकिन इसमें कोई पारदर्शिता नहीं होती। डिलीवरी से जुड़े सभी जोखिम वर्कर्स पर डाल दिए जाते हैं, जबकि समय-सीमा बेहद सख्त रखी जाती है। बार-बार बदले जाने वाले इंसेंटिव नियमों की वजह से उनकी आमदनी अस्थिर हो गई है।
पे और सुरक्षा को लेकर नाराजगी
यूनियनों का कहना है कि वीकेंड, त्योहार और पीक ऑवर्स में डिलीवरी वर्कर्स कंपनियों के लिए सबसे अहम होते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें लंबे काम के घंटे, असुरक्षित डेडलाइंस और घटती कमाई का सामना करना पड़ता है। वर्कर्स की मांग है कि उन्हें बेहतर भुगतान, सुरक्षित कार्य परिस्थितियां और सामाजिक सुरक्षा दी जाए।
आंदोलन जारी रहने की चेतावनी
गिग वर्कर्स ने साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अगर हड़ताल लंबी चली, तो इसका सीधा असर ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी सेवाओं पर पड़ सकता है।