Edited By Mansa Devi,Updated: 31 Dec, 2025 11:44 AM

सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फैल रहे अश्लील, आपत्तिजनक और गैरकानूनी कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सोशल मीडिया कंपनियों और ऑनलाइन इंटरमीडियरीज को स्पष्ट निर्देश...
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फैल रहे अश्लील, आपत्तिजनक और गैरकानूनी कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सोशल मीडिया कंपनियों और ऑनलाइन इंटरमीडियरीज को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे ऐसे कंटेंट के खिलाफ तुरंत और प्रभावी कार्रवाई करें। सरकार ने चेतावनी दी है कि लापरवाही बरतने पर कानूनी कार्रवाई और मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
29 दिसंबर को जारी हुई नई एडवाइजरी
सरकार ने 29 दिसंबर 2025 को एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से कहा गया है कि वे अपने नियमों और तकनीकी सिस्टम की तुरंत समीक्षा करें और प्लेटफॉर्म पर मौजूद अश्लील, भद्दे, पोर्नोग्राफिक और कानून का उल्लंघन करने वाले कंटेंट को बिना देरी हटाएं।
नियम न मानने पर होगी सीधी कार्रवाई
एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि अगर कोई प्लेटफॉर्म इस तरह के कंटेंट पर कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ देश के मौजूदा कानूनों के तहत सीधी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आईटी एक्ट और आईटी नियम 2021 की याद दिलाई
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को आईटी एक्ट और आईटी नियम, 2021 के तहत उनकी जिम्मेदारियों की याद दिलाई है। इन नियमों के अनुसार, प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि यूजर्स अश्लील, पोर्नोग्राफिक, बच्चों के लिए हानिकारक या किसी भी तरह का गैरकानूनी कंटेंट अपलोड या शेयर न करें।
सेक्शन 79 के तहत ‘ड्यू डिलिजेंस’ जरूरी
आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत इंटरमीडियरीज को उचित सावधानी यानी ‘ड्यू डिलिजेंस’ बरतना अनिवार्य है। यही शर्त उन्हें थर्ड पार्टी कंटेंट के मामले में कानूनी सुरक्षा देती है। अगर यह जिम्मेदारी पूरी नहीं की गई, तो यह सुरक्षा भी खत्म हो सकती है।
आईटी एक्ट और BNS के तहत हो सकती है कार्रवाई
सरकार ने दो टूक कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने पर प्लेटफॉर्म्स, इंटरमीडियरीज और जरूरत पड़ने पर यूजर्स के खिलाफ भी आईटी एक्ट, भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अन्य आपराधिक कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
सरकारी आदेश मिलते ही हटाना होगा कंटेंट
एडवाइजरी में यह भी निर्देश दिया गया है कि कोर्ट या सरकार की अधिकृत एजेंसी से आदेश मिलने पर तय समय के भीतर गैरकानूनी कंटेंट हटाना या उसकी पहुंच बंद करना अनिवार्य होगा। किसी भी तरह की देरी को नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम की समीक्षा के आदेश
MeitY ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे अपने कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम, आंतरिक कंप्लायंस फ्रेमवर्क और यूजर्स पर कार्रवाई की प्रक्रिया की तुरंत समीक्षा करें, ताकि सभी कानूनी प्रावधानों का सही तरीके से पालन हो सके।
क्यों जरूरी हुई यह एडवाइजरी
सरकार के मुताबिक, उसे लगातार आम लोगों, विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और अदालतों से शिकायतें मिल रही थीं कि कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद कंटेंट कानून और सामाजिक शालीनता के मानकों का उल्लंघन कर रहा है। इन मामलों पर संसद में भी चर्चा हुई और कुछ केस जांच एजेंसियों को भेजे गए।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए साफ संदेश
नई एडवाइजरी के जरिए सरकार ने साफ कर दिया है कि अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी। नियमों की अनदेखी करने वालों के लिए आगे मुश्किलें बढ़ सकती हैं और कानून के तहत सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है।