Edited By Tanuja,Updated: 29 Dec, 2025 07:51 PM

चीन ने 2026 से 935 वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य व्यापार अधिशेष को लेकर आलोचनाओं का जवाब देना, आयात बढ़ाना, हरित विकास और तकनीकी आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना है। कम विकसित देशों को शून्य शुल्क की सुविधा जारी रहेगी।
Bejing: चीन ने वैश्विक स्तर पर यह आरोप झेलने के बाद कि वह निर्यात पर ज्यादा और आयात पर कम ध्यान देता है, बड़ा नीतिगत बदलाव किया है। चीन सरकार ने घोषणा की है कि वह 2026 से 935 वस्तुओं पर आयात शुल्क (टैरिफ) कम करेगा, जो मौजूदा ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) दरों से भी कम होंगे। चीन के स्टेट काउंसिल के सीमा शुल्क टैरिफ आयोग ने बताया कि यह नई व्यवस्था 1 जनवरी 2026 से लागू होगी। इसका उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बीच बेहतर तालमेल बनाना और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाना है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन उन्नत तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स और एडवांस मटीरियल्स पर टैरिफ घटाएगा। इसके अलावा, हरित विकास को समर्थन देने के लिए कुछ प्राकृतिक संसाधनों और जन-कल्याण से जुड़े चिकित्सा उत्पादों, जैसे कृत्रिम रक्त वाहिकाओं पर भी शुल्क कम किया जाएगा। चीन 2026 में अपने टैरिफ ढांचे को और आधुनिक बनाएगा। इंटेलिजेंट बायोनिक रोबोट, बायो-एविएशन केरोसिन और सर्कुलर इकॉनमी से जुड़े उत्पादों के लिए नए राष्ट्रीय सब-हेडिंग्स जोड़े जाएंगे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीन का कुल विदेशी व्यापार 5.82 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें निर्यात 3.46 ट्रिलियन डॉलर और आयात 2.37 ट्रिलियन डॉलर रहा। लंबे समय से चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि वह दुनिया को ज्यादा निर्यात करता है, लेकिन आयात अपेक्षाकृत कम करता है।इसके साथ ही, चीन 2026 में भी अपने 34 व्यापारिक साझेदारों के साथ 24 मुक्त व्यापार समझौतों के तहत रियायती टैरिफ जारी रखेगा। सबसे अहम बात यह है कि चीन 43 सबसे कम विकसित देशों को 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क की सुविधा भी जारी रखेगा।