बैंक ग्राहकों की हुई बल्ले बल्ले! मिनिमम बैंलेस का झंझट खत्म, नहीं लगेगा कोई जुर्माना

Edited By Updated: 03 Oct, 2025 12:11 AM

the hassle of minimum balance in the bank is over

भारतीय ओवरसीज बैंक ने अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। बैंक ने घोषणा की है कि बचत खातों में न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB) न रखने पर अब कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। बुधवार को जारी प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि पहले यह छूट केवल कुछ खास स्कीम्स तक सीमित...

नेशनल डेस्क: भारतीय ओवरसीज बैंक ने अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। बैंक ने घोषणा की है कि बचत खातों में न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB) न रखने पर अब कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी। बुधवार को जारी प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि पहले यह छूट केवल कुछ खास स्कीम्स तक सीमित थी, लेकिन अब इसे सभी खातों पर लागू कर दिया गया है।

ग्राहकों के लिए राहत भरा कदम

बैंक के एमडी और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि इस निर्णय का मकसद ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता और सहज बैंकिंग सुविधा देना है। उनका मानना है कि इससे छोटे खाताधारकों, पेंशनधारियों और बचत करने वाले आम ग्राहकों को सबसे अधिक फायदा मिलेगा।

कब से लागू होगा नया नियम?

30 सितंबर 2025 तक पुराने नियम जारी रहेंगे और इस अवधि में ग्राहकों को पहले की तरह जुर्माना देना होगा। लेकिन 1 अक्टूबर 2025 से यह नया नियम प्रभावी हो जाएगा और ग्राहकों को न्यूनतम औसत शेष राशि पर कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।

किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?

अक्सर छोटे खाताधारक और पेंशनधारी न्यूनतम औसत शेष राशि न रख पाने के कारण जुर्माना चुकाते थे। अब इस फैसले से उन्हें सीधी राहत मिलेगी और छोटी-छोटी बचत करने वालों का बोझ कम होगा।

क्या है न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB)?

न्यूनतम औसत शेष राशि वह राशि होती है जिसे बैंक खाताधारक को हर महीने अपने खाते में बनाए रखना होता है। ऐसा न करने पर बैंक पेनाल्टी लगाती थी। अलग-अलग बैंकों और खाता प्रकारों के अनुसार यह राशि अलग-अलग होती है।

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