Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 May, 2025 07:42 PM

भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, और इसे बड़ी सफलता मिली। पाकिस्तान में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई सटीक एयर स्ट्राइक ने सिर्फ पाकिस्तान को नहीं, बल्कि उसके सबसे करीबी सहयोगी चीन को भी चिंता में...
नेशनल डेस्क: भारत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, और इसे बड़ी सफलता मिली। पाकिस्तान में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई सटीक एयर स्ट्राइक ने सिर्फ पाकिस्तान को नहीं, बल्कि उसके सबसे करीबी सहयोगी चीन को भी चिंता में डाल दिया है। चीन, जो दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है, अब भारत से अपनी बढ़ती ताकत को लेकर चिंतित है।
चीन के एयर डिफेंस सिस्टम पर सवाल
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में चीन द्वारा निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से विफल हो गए। पाकिस्तान ने LY-80 और HQ-9 जैसी चीनी मिसाइल प्रणालियाँ खरीदी थीं, जो भारतीय हमलों को रोकने में नाकाम रही। भारतीय वायुसेना ने उन्नत मिसाइलों का इस्तेमाल कर 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इससे चीन की रक्षा प्रौद्योगिकी की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
चीन अपने दोस्त पाकिस्तान के लिए भारत पर दबाव नहीं बना सका
चीन और पाकिस्तान के बीच CPEC और सैन्य सहयोग है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने चीन के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं। भारत ने इस ऑपरेशन के दौरान केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता था, खासकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चीनी हितों के लिए। इसके बावजूद, चीन ने पाकिस्तान के पक्ष में कड़े शब्दों में भारत की निंदा नहीं की, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर पड़ सकता है।
चीन की आर्थिक और व्यापारिक चिंताएं
पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का असर चीन पर भी पड़ सकता है। CPEC परियोजना पर चीन का बड़ा निवेश है, लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक समस्याओं ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान ने चीन से अतिरिक्त 10 अरब डॉलर की मांग की है, लेकिन चीन इस पर चुप है। पाकिस्तान का कमजोर आर्थिक संकट चीन के लिए एक नई चुनौती बन सकता है, खासकर जब वह पहले से अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक आर्थिक दबाव से जूझ रहा है।
क्षेत्रीय भू-राजनीतिक प्रभाव
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को एक सशक्त और आतंकवाद-विरोधी राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है, जिसे इजरायल जैसे देशों ने समर्थन दिया है। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने भारत की निंदा करने के बजाय संयम की अपील की, जो भारत की कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है। इस ऑपरेशन से चीन की चिंताएँ और बढ़ गईं हैं, क्योंकि भारत का बढ़ता प्रभाव दक्षिण एशिया में चीन के प्रभुत्व के लिए चुनौती बन सकता है।