Edited By vasudha,Updated: 30 Jun, 2020 11:37 AM
गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच संघर्ष के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कंपनी की ओर से मंगलवार को पहला बयान आया जिसमें कहा गया कि वह आदेश का पालन करने की प्रक्रिया में हैं...
नेशनल डेस्क: गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच संघर्ष के मद्देनजर केंद्र सरकार की तरफ से टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कंपनी की ओर से मंगलवार को पहला बयान आया जिसमें कहा गया कि वह आदेश का पालन करने की प्रक्रिया में हैं। सरकार ने सोमवार रात 59 चीनी पर प्रतिबंध लगाया गया है। टिकटॉक इंडिया प्रमुख निखिल गांधी की तरफ से आज जारी बयान में कहा गया है कि हमने किसी भी भारतीय टिकटॉक यूजर की कोई भी जानकारी विदेशी सरकार या फिर चीन की सरकार को नहीं दी है।
निखिल ने कहा कि हमें स्पष्टीकरण और जवाब देने के लिए संबंधित सरकारी पक्षों से मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है। टिकटॉक ने अपने प्लेटफॉर्म को भारत में 14 भाषाओं में उपलब्ध करा कर इंटरनेट का लोकतांत्रिकरण किया है। इस ऐप का इस्तेमाल लाखों लोग करते हैं। इनमें कुछ कलाकार, कहानीकार और शिक्षक हैं और अपनी जिंदगी के अनुसार वीडियो बनाते हैं। वहीं कई उपयोगकर्ता ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहली बार टिकटॉक के जरिए इंटरनेट की दुनिया को देखा है।
चीनी ऐप में टिकटॉक भारत में बहुत प्रचलित है। सरकार के प्रतिबंध के बाद गूगल प्ले स्टोर और आईफोन से टिकटॉक को हटा दिया गया है। गौरतलब है कि बढ़ते तनाव के बीच सरकार ने चीन से संचालित टिकटॉक, शेयर इट, हेलो, यू सी न्यूज, यू सी ब्राउज़र, क्लब फैक्ट्री सहित 59 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत उन ऐप पर प्रतिबंध लगाया है जो देश की संप्रभुता और अखंडता, देश की रक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम वाले हैं।
मंत्रालय ने कहा कि एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप को लेकर विभिन्न माध्यमों से मिली शिकायतों के साथ ही कई रिपोर्ट में इन ऐप के देश के बाहर स्थित सर्वर से अवैध तरीके से उपयोगकर्ताओं के डाटा की चोरी करने या गलत उपयोग करने की जानकारी मिली थी जिसके बाद उन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है।