Edited By Tanuja,Updated: 30 Oct, 2025 04:41 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्क परमिट के ऑटोमैटिक एक्सटेंशन की सुविधा खत्म कर दी है। अब अमेरिका में काम कर रहे H-1B, H-4 स्पाउस और STEM OPT वीज़ा धारकों को हर बार नया वर्क परमिट मिलने तक रुकना होगा। इससे हजारों भारतीय पेशेवरों की नौकरी...
Washington: अमेरिका के Department of Homeland Security (DHS) ने घोषणा की है कि अब ऑटोमैटिक एक्सटेंशन की सुविधा समाप्त कर दी गई है, जिसके अनुसार विदेशियों को अपने वर्क परमिट (Employment Authorization Documents EAD) के लिए रिन्यूअल आवेदन देने पर स्वचालित रूप से जारी रखा जाता था। यह नया नियम 30 अक्टूबर 2025 से लागू हो गया है। पुराने नियम के तहत, जब कोई विदेशी EAD रिन्यूअल के लिए समय पर आवेदन करता था, तो रिन्यूअल मंजूर होने तक अब: यदि आवेदन 30 अक्टूबर 2025 या उसके बाद किया गया है, तो स्वचालित एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। वर्तमान EAD की अवधि समाप्त होने के बाद पुनः स्वीकृति मिलने तक काम करना वैध नहीं रहेगा। कुछ श्रेणियों (जैसे TPS धारक) को इस नियम से अपवाद मिल सकता है।
किन लोगों को असर होगा?
इस परिवर्तन से खासकर ये श्रेणियाँ प्रभावित होंगी
- H‑1B visa धारकों के H-4 वीज़ा पर काम करने वाले सहयोगी / जीवनसाथी।
- F‑1 visa स्टूडेंट्स जो STEM OPT कार्यक्रम में हैं।
- ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे कर्मचारी जिनका वर्तमान काम परमिट निर्भर है।
इस बदलाव से विशेष रूप से, भारतीय मूल के पेशेवरों पर इस नियम का बहुत बड़ा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि वे अमेरिका में तकनीकी, शोध, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। DHS ने कहा है कि यह कदम “विदेशी कामगारों के पुनः परमिट देने से पहले बेहतर स्क्रीनिंग और सत्यापन सुनिश्चित करने” के लिए उठाया गया है। यूएससीआईएस के निदेशक Joseph Edlow ने कहा कि “संयुक्त राज्य में काम करना – एक अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है।”
EAD रिन्यूअल के आवेदन को कम-से-कम 180 दिन पहले सबमिट करना बेहतर रहेगा। रिन्यूअल मंजूरी मिलने तक काम जारी नहीं रखना चाहिए, नहीं तो लॉजिस्टिक ভুল से नौकरी और वीज़ा संबंधी जोखिम बढ़ सकते हैं।नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारी के पास सक्रिय और वैध EAD हो, अन्यथा काम जारी रखना गैरकानूनी हो सकता है। इस तरह, यह नीति परिवर्तन अमेरिका में काम कर रहे लाखों विदेशी कर्मचारियों, विशेष रूप से भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों की स्थिति को अत्यधिक अस्थिर बना सकता है।