Aadhaar Update Rules: UIDAI के नए नियमों ने बढ़ाई टेंशन, अब आधार में नाम बदलना नहीं होगा आसान, जानें पूरा प्रोसेस

Edited By Updated: 31 Dec, 2025 04:30 PM

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धार कार्ड में नाम बदलवाने की प्रक्रिया अब पहले जैसी आसान नहीं रही है। अगर आप अब भी यह सोच रहे हैं कि सिर्फ एक एफिडेविट या साधारण आवेदन से नाम या सरनेम बदला जा सकता है, तो यह आपकी बड़ी भूल साबित हो सकती है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी UIDAI...

नेशनल डेस्क: आधार कार्ड में नाम बदलवाने की प्रक्रिया अब पहले जैसी आसान नहीं रही है। अगर आप अब भी यह सोच रहे हैं कि सिर्फ एक एफिडेविट या साधारण आवेदन से नाम या सरनेम बदला जा सकता है, तो यह आपकी बड़ी भूल साबित हो सकती है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी UIDAI ने नाम से जुड़े बदलावों को लेकर नियमों में सख्ती कर दी है। अब आधार में बड़े बदलाव के लिए मजबूत और कानूनी दस्तावेज जरूरी कर दिए गए हैं, वरना आपकी अर्जी सीधे खारिज हो सकती है।

दरअसल, UIDAI ने पहचान से जुड़े फर्जीवाड़े और दस्तावेजों के दुरुपयोग को रोकने के लिए नाम अपडेट की प्रक्रिया को ज्यादा औपचारिक बना दिया है। पहले जहां मामूली दस्तावेजों के आधार पर भी नाम में बदलाव हो जाता था, वहीं अब पूरा नाम बदलने या सरनेम जोड़ने–हटाने जैसे मामलों में केवल एफिडेविट को पर्याप्त नहीं माना जा रहा। ऐसे मामलों में केंद्र सरकार द्वारा जारी गजट नोटिफिकेशन की मांग की जा सकती है, जो कानूनी रूप से नाम बदलने का सबसे पुख्ता प्रमाण होता है।

क्या आम आदमी के लिए बदल गए हैं नियम?
हालांकि, यह नियम हर छोटे बदलाव पर लागू नहीं होता। अगर नाम में सिर्फ स्पेलिंग की छोटी गलती है, तो आमतौर पर सामान्य दस्तावेजों से ही सुधार संभव है। लेकिन शादी के बाद सरनेम बदलना, पूरा नाम बदलना या ऐसा कोई बदलाव जिसके लिए आपके पास पहले से कोई मजबूत सरकारी रिकॉर्ड नहीं है, तो गजट नोटिफिकेशन जरूरी हो सकता है। यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी जरूर है, लेकिन यही बदलाव को कानूनी मान्यता देती है।


गजट नोटिफिकेशन, क्या यह सभी के लिए अनिवार्य है?
गजट नोटिफिकेशन के लिए सबसे पहले शपथ पत्र बनवाना होता है, जिसमें पुराने और नए नाम के साथ नाम बदलने का कारण दर्ज होता है। इसके बाद दो अखबारों में नाम बदलने का विज्ञापन प्रकाशित कराना पड़ता है। फिर इन सभी दस्तावेजों को भारत सरकार के प्रकाशन विभाग में जमा किया जाता है। जब नया नाम सरकारी राजपत्र में प्रकाशित हो जाता है, तभी वह पूरे देश में मान्य माना जाता है।


नियम न मानने पर क्या हो सकता है नुकसान?
अगर कोई व्यक्ति इन नियमों को नजरअंदाज करता है और बिना गजट नोटिफिकेशन के आधार में बड़ा बदलाव कराने की कोशिश करता है, तो उसका आवेदन रिजेक्ट हो सकता है। इसका असर सिर्फ आधार तक सीमित नहीं रहता। आधार अपडेट न होने पर पैन लिंकिंग, बैंक खाते, पासपोर्ट और सरकारी योजनाओं से जुड़े कामों में भी परेशानी आ सकती है। नाम का मिसमैच कई बार गंभीर दिक्कतों की वजह बन जाता है।

कई लोग यह भी सोचते हैं कि अगर स्थानीय स्तर पर काम नहीं हुआ तो दिल्ली मुख्यालय से मदद मिल जाएगी, लेकिन असल में गजट प्रकाशन का काम भारत सरकार के प्रकाशन विभाग के जरिए ही होता है, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। एक बार नाम गजट में प्रकाशित हो जाए, तो उसे कोई भी सरकारी संस्था खारिज नहीं कर सकती। यही वजह है कि शॉर्टकट अपनाने की बजाय सही प्रक्रिया अपनाना ही समझदारी है।

अगर फिर भी काम न बने तो क्या करें?
अगर गजट नोटिफिकेशन होने के बाद भी आधार अपडेट में दिक्कत आती है, तो UIDAI की हेल्पलाइन या ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। गजट नोटिफिकेशन एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है, जिसे किसी भी सरकारी विभाग द्वारा नकारा नहीं जा सकता। इसलिए आधार में नाम बदलवाने से पहले नए नियमों को समझना और पूरी तैयारी के साथ आवेदन करना बेहद जरूरी हो गया है।

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