Edited By Harman Kaur,Updated: 02 Sep, 2024 03:31 PM
भारत के महाराष्ट्र में एक अनोखा गांव है। जहां रहने वाले लोग कुत्ते, बिल्ली को नहीं बल्कि कोबरा सांप को पालते हैं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। इतना ही नहीं गांव के बच्चे उनके साथ खेलते हैं और हैरानी की बात तो यह है कि सांप भी बच्चों को...
नेशनल डेस्क: भारत के महाराष्ट्र में एक अनोखा गांव है। जहां रहने वाले लोग कुत्ते, बिल्ली को नहीं बल्कि कोबरा सांप को पालते हैं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। इतना ही नहीं गांव के बच्चे उनके साथ खेलते हैं और हैरानी की बात तो यह है कि सांप भी बच्चों को कुछ नहीं कहते। इस गांव का नाम शेतफल (Shetpal Village In India) है।
हर घर में पाए जाते हैं सांप
बता दें कि शेतफल गांव महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित है। इस गांव में लगभग हर घर में सांप पाए जाते हैं। ये सांप घरों के अलावा खेतों, पेड़ों, और यहां तक कि बेडरूम में भी मिलते हैं। गांव वाले इन सांपों से बिलकुल नहीं डरते; बल्कि वे सांपों के साथ खेलते हैं और उन्हें दूध भी पिलाते हैं। शेतफल गांव के लोगों का मानना है कि सांप भगवान शिव का प्रतीक हैं। इसलिए वे सांपों की पूजा करते हैं और उन्हें अपना परिवार मानते हैं। गांव में कई मंदिर भी हैं जहां सांपों की पूजा होती है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना गांव शेतफल
ग्रामीणों का कहना है कि उनके पूर्वजों ने सांपों को पालना शुरू किया था। इसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी यह परंपरा आगे बढ़ती रही। गांव वालों ने बताते हैं कि वह बचपन से ही सांपों को पकड़ना, पालना और संभालना सीख लेते हैं। गांव वालों को मानना है कि सांप भी इंसानों की तरह जीव हैं और वे भी प्यार और सम्मान चाहते हैं। वहीं, अब शेतफल गांव पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बन गया है। दूर-दूर से लोग इस गांव को देखने आते हैं।
सांपों के संरक्षण के लिए प्रशिक्षण दे रही सरकार
दरअसल, गांव वालों के लिए सांपों को पालना आसान नहीं होता है। उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि सांपों को खास प्रकार के भोजन की जरूरत होती है और उन्हें बीमारियों से बचाकर रखना पड़ता है। वहीं, अब सरकार भी गांव के संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है और सांपों के संरक्षण के लिए प्रशिक्षण दे रही है।