UPI ने Visa को पछाड़ा, बना दुनिया का सबसे तेज़ डिजिटल पेमेंट सिस्टम

Edited By Mansa Devi,Updated: 05 Jun, 2025 05:58 PM

upi overtook visa to become the world s

कुछ साल पहले तक डिजिटल पेमेंट्स का मतलब था Visa और MasterCard। लेकिन आज, भारत में विकसित एक तकनीक — यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) — वैश्विक स्तर पर भुगतान प्रणाली का चेहरा बदल रही है। Visa और MasterCard जैसी दशकों पुरानी कंपनियाँ अब UPI के सामने...

नेशनल डेस्क: कुछ साल पहले तक डिजिटल पेमेंट्स का मतलब था Visa और MasterCard। लेकिन आज, भारत में विकसित एक तकनीक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) वैश्विक स्तर पर भुगतान प्रणाली का चेहरा बदल रही है। Visa और MasterCard जैसी दशकों पुरानी कंपनियाँ अब UPI के सामने संघर्ष करती दिख रही हैं।

UPI की उड़ान: रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन से बढ़ता विश्वास
➤ 2025 के जून महीने की शुरुआत में ही UPI ने रोजाना 65 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार कर लिया।
➤ सिर्फ 1 जून को 64.4 करोड़ ट्रांजेक्शन और अगले दिन 65 करोड़ से ऊपर — ये संख्याएँ दिखाती हैं कि भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में अब UPI को अपनाया जा रहा है।
➤ वहीं Visa के आंकड़े देखें तो फाइनेंशियल ईयर 2024 में उनके औसत दैनिक ट्रांजेक्शन 64 करोड़ रहे। मतलब अब UPI रोजाना के आधार पर Visa से आगे निकल चुका है।


क्यों है UPI इतना प्रभावशाली?
➤ लो-कोस्ट ट्रांजेक्शन: बैंक-टू-बैंक फ्री ट्रांसफर ने लोगों का भरोसा जीता।
➤ यूज़र फ्रेंडली इंटरफेस: केवल एक QR कोड या मोबाइल नंबर से पेमेंट संभव।
➤ सीधी बैंकिंग: इसमें कोई इंटरमीडियरी कार्ड कंपनी नहीं, जिससे लागत और समय दोनों की बचत।
➤ सरकारी समर्थन: भारत सरकार और RBI की रणनीतिक पहल ने इसे घर-घर तक पहुंचाया।


Visa और MasterCard के लिए चेतावनी की घंटी?
UPI की तेज़ी से बढ़ती स्वीकार्यता अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Visa जैसी कंपनियों के लिए एक चुनौती बन गई है। ज़ैगल के संस्थापक राज पी नारायणम के अनुसार, आने वाले वर्षों में UPI सालाना 400 अरब से अधिक ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार कर सकता है — यह Visa के मौजूदा 233 अरब ट्रांजेक्शन से दोगुना से अधिक है।

2029 तक क्या होगा?
वित्तीय विश्लेषकों का अनुमान है कि 2029 तक UPI दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली पेमेंट नेटवर्क बन सकता है। इसके पीछे कारण होंगे:
➤ बढ़ता डिजिटल इंडिया अभियान
➤ अंतरराष्ट्रीय साझेदारियाँ
➤ कम लागत और उच्च सुविधा


भारत से निकली तकनीक, दुनिया पर छा गई
UPI अब सिर्फ एक पेमेंट सिस्टम नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी क्षमता और आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। जिस तरह से यह Visa और MasterCard जैसी संस्थाओं को चुनौती दे रहा है, वह न सिर्फ भारतीयों के लिए गर्व की बात है, बल्कि विकासशील देशों के लिए भी एक प्रेरणा है।


 

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