Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Nov, 2025 11:37 AM

अमेरिका में ट्रकिंग उद्योग में हाल ही में नियमों में बदलाव और सुरक्षा मामलों को लेकर हलचल मची हुई है। हाल के दिनों में ट्रकों से जुड़ी कुछ दुर्घटनाओं के मामले सामने आने के बाद अमेरिकी परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग ने इस साल अंग्रेजी भाषा...
नेशनल डेस्क: अमेरिका में ट्रकिंग उद्योग में हाल ही में नियमों में बदलाव और सुरक्षा मामलों को लेकर हलचल मची हुई है। हाल के दिनों में ट्रकों से जुड़ी कुछ दुर्घटनाओं के मामले सामने आने के बाद अमेरिकी परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग ने इस साल अंग्रेजी भाषा की दक्षता में असफल होने के कारण करीब 7000 ट्रक ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया है। इस फैसले से सबसे अधिक असर भारतीय मूल और सिख अमेरिकी ट्रक चालकों पर पड़ा है, जो इस उद्योग में बड़ी संख्या में काम करते हैं।
भारतीय ड्राइवरों पर असर
अमेरिका में लगभग 1.3 से 1.5 लाख ट्रक ड्राइवर पंजाब और हरियाणा से जुड़े हैं। इनमें से अधिकांश, लगभग 90%, ड्राइवर हैं। अमेरिकी नियमों में यह बदलाव अचानक आया है और हजारों भारतीय ड्राइवरों की नौकरी को सीधे खतरा पहुंचा है। उद्योग में सक्रिय संगठन, जैसे उत्तरी अमेरिकी पंजाबी ट्रकर्स एसोसिएशन, ने इस कदम को लेकर चिंता जताई है।
नियमों में बदलाव का इतिहास
ओबामा प्रशासन के समय प्रवासी ट्रक ड्राइवरों के लिए नियम यह थे कि भाषा के आधार पर किसी को नौकरी से हटाया न जाए। लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इस नीति को पलट दिया। परिवहन सचिव सीन डफी ने स्पष्ट किया कि अब कमर्शियल ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों के लिए अंग्रेजी बोलना और समझना अनिवार्य है। इस नियम के उल्लंघन पर ड्राइवरों को नौकरी से हटाया जा रहा है।
दुर्घटनाओं ने बढ़ाई सख्ती
हालिया घटनाओं ने प्रशासन को कदम उठाने पर मजबूर किया। उदाहरण के लिए, कैलिफ़ोर्निया के स्टेट हाईवे पर हुई एक दुर्घटना में भारतीय चालक पर तीन अमेरिकियों की हत्या का आरोप लगा। इसी तरह, फ्लोरिडा टर्नपाइक पर एक भारतीय अप्रवासी द्वारा चलाए गए ट्रैक्टर-ट्रेलर ने यू-टर्न लिया और तीन लोगों की मौत हो गई। ये घटनाएं मीडिया और प्रशासन दोनों के लिए चिंता का विषय बनीं।
उद्योग और ड्राइवरों की प्रतिक्रिया
ट्रांसपोर्ट कंपनियों और उद्योग समूहों का कहना है कि यह नियम लंबे समय से सुरक्षित काम करने वाले ड्राइवरों के लिए भी मुश्किल खड़ी कर रहा है। टेक्सास की यूनिमेक्स कंपनी के सीईओ ने कहा कि कई ऐसे ड्राइवर हैं जो सालों से नियमों का पालन करते आए हैं, लेकिन अब केवल अंग्रेजी में तुरंत जवाब न देने के कारण उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया।
अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह कदम सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए जरूरी है, लेकिन आलोचक इसे भाषा के आधार पर भेदभाव मान रहे हैं। इस नीति से न केवल भारतीय मूल के ड्राइवर प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि अन्य द्विभाषी और स्पेनिश बोलने वाले चालक भी परेशान हैं।