Edited By Tanuja,Updated: 07 Sep, 2025 03:19 PM

पाकिस्तान में भीषण बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हैं। हालात इतने खराब हैं कि लाखों परिवार बेघर हो चुके हैं और खाने-पीने से लेकर दवाइयों तक की भारी कमी है...
International Desk: पाकिस्तान में भीषण बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हैं। हालात इतने खराब हैं कि लाखों परिवार बेघर हो चुके हैं और खाने-पीने से लेकर दवाइयों तक की भारी कमी है। इसी बीच अमेरिका ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए अपना C-17 ग्लोबमास्टर सैन्य विमान रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर उतारा।अमेरिकी दूतावास के मुताबिक, इन विमानों से टेंट, जनरेटर, खाने-पीने का सामान और ज़रूरी राहत सामग्री पहुंचाई गई है। यह कदम पाकिस्तानी सेना के औपचारिक अनुरोध पर उठाया गया।
नूर खान एयरबेस पर विमान उतरना गंभीर संकेत
राहत सामग्री पाकिस्तान भेजने का मामला जितना सीधा दिखाई देता है, उतना है नहीं। अमेरिकी विमान जिस एयरबेस पर उतरे, उसका इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है। यही वह ठिकाना है जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निशाना बनाया था। यह एयरबेस पाकिस्तान के लिए एक रणनीतिक सैन्य अड्डा माना जाता है।
यही वजह है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नज़र इस घटनाक्रम पर टिकी हुई है कि आखिर अमेरिकी विमान को वहीं क्यों उतारा गया।
राहत या गेम प्लान?
अमेरिका दावा कर रहा है कि यह कदम सिर्फ मानवीय सहायता के लिए है। लेकिन सवाल खड़े हो रहे हैं कि अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद ऐसे समय में क्यों की, जब भारत-अमेरिका रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं? राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर पहले ही 50% टैरिफ लगाकर सख्ती दिखा चुके हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान हाल ही में अमेरिकी मंच से भारत को परमाणु हमले की धमकी दे चुका है।ऐसे में जब अमेरिकी मदद सीधे पाकिस्तान की सेना के हाथों में जाती दिख रही है, तो भारत की सुरक्षा चिंताएं गहरी होना स्वाभाविक है।
अलर्ट मोड पर भारतीय एजेंसियां
भारतीय एजेंसियां अब यह खंगालने में जुटी हैं कि क्या यह राहत सामग्री वाकई सिर्फ पीड़ित जनता के लिए है, या फिर इसमें कहीं सैन्य सहयोग का छिपा हुआ संदेश है।यानी, मदद के नाम पर यह मानवीय पहल है या राजनीतिक चाल जिसका जवाब आने वाले समय में मिलेगा।