Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 05 Jul, 2025 02:05 PM

भारत में मुहर्रम हर साल इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह कैलेंडर चंद्रमा के दिखने पर आधारित होता है, इसलिए इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है। वर्ष 2025 में इसको लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि मुहर्रम 6 जुलाई को मनाया जाएगा या 7 जुलाई को।...
नेशनल डेस्क: भारत में मुहर्रम हर साल इस्लामी कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह कैलेंडर चंद्रमा के दिखने पर आधारित होता है, इसलिए इसकी तारीख हर साल बदलती रहती है। वर्ष 2025 में इसको लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि मुहर्रम 6 जुलाई को मनाया जाएगा या 7 जुलाई को। यही वजह है कि आम लोगों के साथ बैंक और शेयर बाजार से जुड़े लोगों के मन में भी सवाल उठ रहे हैं कि इस बार छुट्टी किस दिन होगी।
क्यों है इस बार मुहर्रम की छुट्टी को लेकर उलझन?
मुहर्रम इस्लामी नववर्ष का पहला महीना होता है और इसकी 10वीं तारीख को 'आशूरा' कहा जाता है। इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के नवासे, इमाम हुसैन की शहादत की याद में पूरे देश में जुलूस और मातम होता है। यह एक अहम धार्मिक अवसर होता है, जिसमें सरकारी दफ्तर, बैंक, स्कूल और कई राज्यों में बाजार भी बंद रहते हैं। इस बार 6 जुलाई को रविवार है, जो पहले से साप्ताहिक अवकाश का दिन होता है। अगर चांद दिखने के बाद मुहर्रम की तारीख 6 जुलाई तय होती है, तो अलग से छुट्टी की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन अगर चांद 6 जुलाई को नजर आता है और मुहर्रम 7 जुलाई को होता है, तो सोमवार को अवकाश घोषित किया जा सकता है।
बैंक और सरकारी दफ्तरों का क्या होगा हाल?
अगर मुहर्रम 7 जुलाई (सोमवार) को होता है, तो देश के कई राज्यों में बैंक और सरकारी दफ्तर बंद रह सकते हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार और तेलंगाना जैसे राज्यों में पहले से ही यह दिन घोषित अवकाशों की सूची में शामिल हो सकता है या चांद दिखने के बाद अधिसूचना जारी की जा सकती है। ऐसे में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं, खासकर शाखा आधारित कार्यों के लिए।
शेयर बाजार खुला रहेगा या बंद?
6 जुलाई को रविवार है और सामान्यत: इस दिन बाजार बंद ही रहता है। 7 जुलाई को यदि मुहर्रम घोषित होता है और सरकारी स्तर पर इसे छुट्टी घोषित किया जाता है, तो बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) जैसे प्रमुख शेयर बाजारों में कारोबार बंद रह सकता है। इससे जुड़े सभी सेगमेंट—इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी मार्केट, इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (SLB) — भी बंद हो सकते हैं। फिलहाल BSE और NSE के ऑफिशियल ट्रेडिंग कैलेंडर में 7 जुलाई को कोई अवकाश घोषित नहीं किया गया है। लेकिन अंतिम निर्णय चांद दिखने और सरकार या स्टॉक एक्सचेंज की अधिसूचना पर निर्भर करेगा।