कहीं आप भी तो नहीं छोड़ते सुबह का नाश्ता? ऐसी आदतें कर सकती है आपके दिमाग को बीमार

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 08:08 PM

skipping breakfast increases depression risk study mental health tips

'न्यूट्रिशनल न्यूरोसाइंस' में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, नियमित नाश्ता न करने वाले लोगों में डिप्रेशन का खतरा 40% और तनाव का जोखिम 23% तक बढ़ जाता है। अध्ययन में पाया गया कि सुबह का नाश्ता दिमाग को जरूरी ग्लूकोज प्रदान करता है, जिसकी कमी से हार्मोनल...

नेशनल डेस्क : पुराने समय से यह कहावत चली आ रही है कि सुबह का खाना भरपेट करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर स्वस्थ रहता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। हालांकि बीते कुछ वर्षों में लोगों के बीच ब्रेकफास्ट न करने का चलन बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। नाश्ता छोड़ना सिर्फ शारीरिक कमजोरी ही नहीं बढ़ाता, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर असर पड़ सकता है। इस बात का खुलासा Nutritional Neuroscience जर्नल में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च में हुआ है।

इस रिसर्च के मुताबिक, जो लोग नियमित रूप से नाश्ता नहीं करते हैं, उनमें डिप्रेशन, मानसिक तनाव और अन्य मानसिक समस्याओं का खतरा काफी अधिक देखा गया है। शोधकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा है कि नाश्ता छोड़ने की आदत को जल्द से जल्द बदलना जरूरी है।

क्या कहती है स्टडी
यह अध्ययन एक सिस्टमेटिक रिव्यू और मेटा-एनालिसिस पर आधारित है, जिसमें दुनिया भर की 13 ऑब्ज़र्वेशनल स्टडीज़ के डेटा का विश्लेषण किया गया। इस रिसर्च में कुल 3 लाख 99 हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। अध्ययन के दौरान यह समझने की कोशिश की गई कि नाश्ता छोड़ने की आदत और मानसिक समस्याओं के बीच किस तरह का संबंध है।

डिप्रेशन और मानसिक तनाव का बढ़ा खतरा
रिसर्च के नतीजों में सामने आया कि जो लोग रोजाना नाश्ता नहीं करते थे, उनमें डिप्रेशन का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में करीब 40 प्रतिशत अधिक पाया गया। वहीं, मानसिक तनाव का जोखिम लगभग 23 प्रतिशत ज्यादा था। अध्ययन में यह भी बताया गया कि ब्रेकफास्ट न करने से शरीर को जरूरी ऊर्जा नहीं मिल पाती, जिससे हार्मोनल असंतुलन और मानसिक थकान बढ़ सकती है। रिसर्च में यह भी सामने आया कि किशोरों पर इसका असर और ज्यादा गंभीर हो सकता है। नाश्ता छोड़ने वाले किशोरों में एंग्जाइटी यानी चिंता की समस्या का खतरा 51 प्रतिशत तक बढ़ गया।

ब्रेकफास्ट और दिमाग का संबंध
शोधकर्ताओं के अनुसार, सुबह का नाश्ता दिमाग को ग्लूकोज उपलब्ध कराता है, जो ब्रेन के सही ढंग से काम करने और मूड को बेहतर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। जो लोग लंबे समय तक नाश्ता छोड़ते हैं, उन्हें सुबह के समय पर्याप्त ग्लूकोज नहीं मिल पाता। इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है और व्यक्ति मानसिक तनाव महसूस करने लगता है। कई मामलों में इसकी शुरुआत एंग्जाइटी से होती है, जो आगे चलकर गंभीर मानसिक समस्याओं का रूप ले सकती है।

क्यों जरूरी है नाश्ता करना
विशेषज्ञों का कहना है कि नाश्ता छोड़ने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की समस्याओं का कारण बनती है। इसलिए सुबह का ब्रेकफास्ट किसी भी हालत में नहीं छोड़ना चाहिए। सलाह दी जाती है कि सुबह उठने के दो घंटे के भीतर नाश्ता जरूर कर लें। नाश्ते में हल्का और पोषण से भरपूर भोजन करना बेहतर होता है। खाली पेट चाय या कॉफी पीने से बचना चाहिए। फल, सलाद, दलिया जैसी चीजें नाश्ते के लिए फायदेमंद मानी जाती हैं। साथ ही, नाश्ते में प्रोटीन की मात्रा अधिक रखने से शरीर को कई तरह से लाभ मिलता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है।

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