Edited By Mehak,Updated: 10 Oct, 2025 05:06 PM

करवा चौथ पर महिलाओं द्वारा छलनी से चांद देखने की परंपरा पौराणिक कथा पर आधारित है। कथा के अनुसार, बहन वीरवती भूख-प्यास से परेशान थी और उसके भाईयों ने चांद दिखाने के लिए पेड़ की छाया में छलनी लगाई। इसके बाद उसने व्रत खोला और पति सुरक्षित रहा। तभी से...
नेशनल डेस्क : आज पूरे देश में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत करती हैं। यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है। करवा चौथ पर चौथ माता, भगवान शिव-परिवार और चंद्र देवता की पूजा की जाती है।
सुबह से महिलाएं सोलह श्रृंगार कर व्रत का पालन करती हैं और दिनभर बिना पानी और भोजन के अपने पति के लिए प्रार्थना करती हैं। शाम को चंद्रमा उदय होने पर उसे अर्घ्य दिया जाता है। व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत से जुड़े कई नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना शुभ माना जाता है।
छलनी से चांद देखने की परंपरा
करवा चौथ की कथा के अनुसार, एक बार बहन वीरवती भूख-प्यास से परेशान थी। उसे देखकर उसके भाईयों ने चांद के उदय से पहले पेड़ की छाया में छलनी लगाकर चांद दिखाया और उसने व्रत खोल लिया। बाद में पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ व्रत करने से उसका पति सुरक्षित और जीवित रहा। तभी से महिलाओं द्वारा करवा चौथ पर छलनी से चांद देखने की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि छलनी में जितने प्रतिबिंब बनते हैं, पति की उम्र उतनी ही बढ़ती है।
बड़े शहरों में चांद निकलने का समय:
दिल्ली – 08:13 PM
नोएडा – 08:12 PM
गुरुग्राम – 08:14 PM
मेरठ – 08:10 PM
गाजियाबाद – 08:12 PM
मुंबई – 08:55 PM
कोलकाता – 07:42 PM
चेन्नई – 08:38 PM
हरिद्वार – 08:05 PM
इंदौर – 08:34 PM
रायपुर – 08:01 PM
लखनऊ – 08:02 PM
कानपुर – 08:06 PM
गोरखपुर – 07:52 PM
प्रयागराज – 08:02 PM
गांधीनगर – 08:46 PM
अहमदाबाद – 08:47 PM
शिमला – 08:06 PM
भोपाल – 08:26 PM
देहरादून – 08:05 PM
चंडीगढ़ – 08:09 PM
जयपुर – 08:23 PM
पटना – 07:48 PM
जम्मू – 08:11 PM
चांद निकलने के बाद महिलाएं पति के हाथों से पानी पीकर और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। यह पर्व पति-पत्नी के प्रेम, समर्पण और वैवाहिक जीवन की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।