Edited By Radhika,Updated: 22 Aug, 2025 12:46 PM

अगर आपकी सालाना आय 4 लाख रुपये से ज्यादा है, तो यह खबर आपके लिए है. इनकम टैक्स विभाग ने दो नए नियम बनाए हैं, जिनके तहत अब कर्मचारियों को कंपनी से मिलने वाले गैर-मौद्रिक लाभ (Non-cash benefits), जिन्हें 'पर्क्स' कहा जाता है पर भी टैक्स देना होगा।
नेशनल डेस्क: अगर आपकी सालाना आय 4 लाख रुपये से ज्यादा है, तो यह खबर आपके लिए है. इनकम टैक्स विभाग ने दो नए नियम बनाए हैं, जिनके तहत अब कर्मचारियों को कंपनी से मिलने वाले गैर-मौद्रिक लाभ (Non-cash benefits), जिन्हें 'पर्क्स' कहा जाता है पर भी टैक्स देना होगा। इनमें कंपनी की कार, घर, ड्राइवर, क्लब मेंबरशिप, या फ्री में मिले शेयर जैसे फायदे शामिल हैं।
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बदल गए हैं टैक्स के पुराने नियम
पहले के नियमों में ये पर्क्स केवल तब टैक्सेबल माने जाते थे जब कर्मचारी की सालाना सैलरी 50,000 रुपये से ज्यादा होती थी। यह नियम लगभग 60 साल पहले बनाया गया था, जब ₹50,000 एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी। बढ़ती महंगाई और सैलरी के स्तर को देखते हुए यह नियम अब बेमानी हो चुका था।

CBDT ने जारी किए नए नियम
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 18 अगस्त 2025 को आयकर नियम 1962 में दो नए नियम जोड़े हैं:
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Rule 3C: इस नियम के अनुसार अब ₹4 लाख से अधिक की सालाना सैलरी वाले कर्मचारियों को मिलने वाले सभी पर्क्स टैक्सेबल होंगे। यानी अगर आपकी सैलरी ₹4 लाख से ज्यादा है, तो कंपनी से मिलने वाले कार, घर या ड्राइवर जैसे फायदों की वैल्यू आपकी टैक्सेबल इनकम में जुड़ जाएगी।
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Rule 3D: यह नियम उन कर्मचारियों के लिए है जिनकी कुल इनकम ₹8 लाख से ज्यादा है। अगर ऐसे कर्मचारियों को कंपनी से इक्विटी शेयर या स्टॉक (ESOPs) मिलते हैं, तो उनकी वैल्यू भी अब टैक्सेबल होगी। यह नियम खास तौर पर टेक कंपनियों और स्टार्टअप्स में काम करने वालों को प्रभावित करेगा.
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किस पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?
इन नए नियमों का सबसे ज्यादा असर मध्यम-स्तर (mid-level) और उच्च-आय वर्ग (high-income) के कर्मचारियों पर होगा।
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अगर आपकी सैलरी ₹4 लाख से ऊपर है और आपको कंपनी से कार या हाउसिंग जैसे पर्क्स मिलते हैं, तो अब आपको उन पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
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अगर आपकी कुल इनकम ₹8 लाख से ऊपर है और आपको कंपनी से शेयर या स्टॉक ऑप्शन मिलते हैं, तो आपको उन पर भी टैक्स चुकाना पड़ेगा।
निवेश एक्सपर्ट अमित निगम का कहना है कि पर्क्स की वैल्यू आपकी सैलरी में जुड़ने से आप एक ऊंचे टैक्स स्लैब में जा सकते हैं, जिससे आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा।