Edited By PTI News Agency,Updated: 03 Dec, 2021 11:02 PM

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को मदर डेयरी सहित अपनी सभी सहायक कंपनियों को आरटीआई अधिनियम, 2005 के दायरे में लाने की सलाह दी गई है। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को मदर डेयरी सहित अपनी सभी सहायक कंपनियों को आरटीआई अधिनियम, 2005 के दायरे में लाने की सलाह दी गई है। सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि एनडीडीबी को सलाह दी गई है कि पारदर्शिता, जवाबदेही और उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड (एमडीएफवीपीएल) और अन्य सहायक कंपनी में आरटीआई अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को लागू करें।’’
मदर डेयरी देश के अग्रणी दूध आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। यह दिल्ली-एनसीआर बाजार में प्रतिदिन 30 लाख लीटर से अधिक दूध बेचती है।
मंत्री ने कहा कि एनडीडीबी के अनुसार एमडीएफवीपीएल के मामले में आरटीआई अधिनियम, 2005 लागू होने के संबंध में निर्णय विचाराधीन है।
रूपाला के अनुसार एनडीडीबी ने आगे कहा कि आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के दायरे में एनडीडीबी की अन्य सहायक कंपनियों को लाने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा दी गई सलाह के बारे में आरटीआई अधिनियम, 2005 के मदर डेयरी पर लागू होने के मामले में किसी निर्णय पर पहुंचने के बाद विचार किया जा सकता है।
मंत्री ने यह भी कहा कि केवेंटर एग्रो लिमिटेड, कोलकाता में एनडीडीबी की कोई हिस्सेदारी नहीं है।
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