Edited By PTI News Agency,Updated: 27 May, 2023 11:48 AM
नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) ‘अल नीनो’ की तीन साल बाद वापसी के आसार के बावजूद पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर देश में मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) ‘अल नीनो’ की तीन साल बाद वापसी के आसार के बावजूद पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर देश में मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आईएमडी ने वर्षा ऋतु के लिए लंबी अवधि के पूर्वानुमान में कहा है कि प्रायद्वीपीय क्षेत्रों दक्षिण कर्नाटक और उत्तरी तमिलनाडु, राजस्थान और लद्दाख के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में जून में कम बारिश होगी।
मौसम विभाग ने कहा कि भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में जल का गर्म होना शुरू हो गया है और अल नीनो की स्थिति बनने की 90 प्रतिशत संभावना है, जो भारत में मॉनसून की बारिश को प्रभावित करती है।
हालांकि, मॉनसून के दौरान हिंद महासागर में इसके लिए अनुकूल मौसमी दशा ‘आईओडी’ बनने की संभावना है जो अल नीनो के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करेगा और देश के अधिकांश हिस्सों में मॉनसून को पहुंचाएगा।
आईएमडी के पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र (ईएमआरसी) के प्रमुख डी शिवानंद पई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस साल अल नीनो और अनुकूल आईओडी की स्थिति है। मध्य भारत में अल नीनो से होने वाली बारिश में कमी की भरपाई अनुकूल आईओडी से होने की संभावना है। लेकिन उत्तर-पश्चिम भारत के मामले में शायद ऐसा नहीं हो।’’
इन मौसमी दशाओं के मद्देनजर आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम क्षेत्र को छोड़कर, देश के शेष हिस्से के लिए सामान्य मॉनसून के अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शामिल राजस्थान, हरियाणा और पंजाब को देश का अन्न भंडार माना जाता है।
आईएमडी ने कहा कि जून-सितंबर के दौरान बारिश के लिए लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 96 प्रतिशत होने की संभावना है, जिसमें औसतन चार प्रतिशत त्रुटि अंतराल रह सकता है।
आईएमडी ने यह भी कहा कि ‘मॉनसून के क्षेत्र’ या देश के वर्षा-आधारित क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 96-106 प्रतिशत के साथ सामान्य रहने की उम्मीद है।
अप्रैल में, आईएमडी ने देश में सामान्य मॉनसून का पूर्वानुमान व्यक्त किया था, जिसमें लंबी अवधि आधार पर औसत पांच प्रतिशत के त्रुटि अंतराल के साथ, 96 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद जताई गई।
आईएमडी ने चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के लिए सामान्य वर्षा को 50 साल के औसत 87 सेमी बारिश के साथ 96 प्रतिशत और 104 प्रतिशत के बीच परिभाषित करता है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर केरल में एक जून से सात दिन तक पहले या बाद में दस्तक देता है। आईएमडी 2005 से केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख के लिए परिचालन पूर्वानुमान जारी कर रहा है। पिछले साल, मॉनसून 29 मई को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने कहा कि पिछले 18 वर्षों (2005-2022) के दौरान केरल में मॉनसून के दस्तक देने की तारीख का पूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित हुआ है।
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