Edited By Shubham Anand,Updated: 30 Dec, 2025 07:38 PM

भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए साल 2025 मील का पत्थर साबित हुआ है। इस साल देश की कुल हरित ऊर्जा क्षमता 254 GW के पार पहुँच गई है, जिसमें अकेले सोलर पावर का योगदान 133 GW रहा। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले 11 महीनों में ही 44.5...
नेशनल डेस्क : भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए साल 2025 ऐतिहासिक साबित हुआ है। इस साल देश में ग्रिड में जुड़ने वाली नई बिजली क्षमता अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। हालांकि अंतिम आंकड़े जनवरी 2026 की शुरुआत में आएंगे, लेकिन 2025 के पहले 11 महीनों में ही भारत का ग्रीन एनर्जी उत्पादन 44.5 गीगावॉट (GW) तक पहुंच गया है, जिसमें बड़ी हाइड्रो परियोजनाएं भी शामिल हैं। इस बढ़त में सबसे बड़ा योगदान सोलर पावर का रहा है।
साल 2024 में यह आंकड़ा करीब 28.7 GW था, जिसमें बड़ी हाइड्रो बिजली उत्पादन भी शामिल था। 2025 में (बड़ी हाइड्रो को छोड़कर) रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 26% बढ़कर 204 GW हो गई है, जो 30 नवंबर 2025 तक की स्थिति है। यह वृद्धि पूरे 2024 में हुई 21% ग्रोथ से अधिक है। इस वजह से कुल रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 31 दिसंबर 2023 के 134 GW से बढ़कर नवंबर 2025 में 204 GW हो गई है।
सोलर पावर ने मारी बाज़ी
भारत की क्लीन एनर्जी ग्रोथ में अब भी सोलर पावर सबसे आगे है। 2025 के 11 महीनों में सोलर सेक्टर ने कुल 35 GW क्षमता ग्रिड में जोड़ी, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 25 GW था। इन 35 GW में से करीब 26 GW ग्राउंड-माउंटेड सोलर, 7 GW रूफटॉप सोलर, करीब 1 GW हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स, और बाकी क्षमता ऑफ-ग्रिड सोलर से जुड़ी। सोलर पावर क्षमता के मामले में राजस्थान (36 GW), गुजरात (25 GW), महाराष्ट्र (17 GW) और तमिलनाडु (12 GW) टॉप राज्य रहे।
विंड पावर सेक्टर में भी मजबूत वापसी
जनवरी से नवंबर 2025 के बीच विंड पावर सेक्टर ने करीब 6 GW नई क्षमता जोड़ी, जो हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा है। यह दर्शाता है कि यह सेक्टर सुस्त दौर के बाद फिर से मजबूत वापसी कर रहा है। नवंबर 2025 तक भारत की कुल स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 254 GW तक पहुंच गई है। इसमें सोलर 133 GW, विंड 54 GW, बायोएनर्जी 11 GW, स्मॉल हाइड्रो 5 GW और लार्ज हाइड्रो 50 GW (पंप्ड स्टोरेज सहित) शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों पर आधारित है।
सस्ती और फायदेमंद तकनीक
IEEFA के अनुसार, करीब 135 GW अतिरिक्त रिन्यूएबल क्षमता अलग-अलग चरणों में निर्माण या टेंडर प्रक्रिया में है। बिजली की दरें अब भी काफी प्रतिस्पर्धी बनी हुई हैं। यूटिलिटी-लेवल सोलर के लिए रिकॉर्ड कम बोली ₹2.44 से ₹2.55 प्रति यूनिट (करीब $29.31 प्रति MWh) के बीच आ रही है। यह साफ दर्शाता है कि क्लीन एनर्जी तकनीक अब भी सस्ती और फायदेमंद बनी हुई हैं, जो निवेशकों और देश के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों के लिए उत्साहजनक संकेत हैं।