HC ने RBI से पूछा, किस अधिकार से निकासी पर लगाई पाबंदी

Edited By ,Updated: 06 Dec, 2016 03:07 PM

gujarat high court  rbi

नोटबंदी के बाद बैंकों और ए.टी.एम. से नोटों की निकासी के लिए सीमा तय किए जाने पर गुजरात हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक से पूछा है कि आखिर किस अधिकार के तहत उसने यह रोक लगाई है।

अहमदाबादः नोटबंदी के बाद बैंकों और ए.टी.एम. से नोटों की निकासी के लिए सीमा तय किए जाने पर गुजरात हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) से पूछा है कि आखिर किस अधिकार के तहत उसने यह रोक लगाई है। चीफ जस्टिस आर.एस रेड्डी और जस्टिस वीएम पंचोली ने यह भी पूछा कि आखिर कैसे जिला केंद्र को-ऑपरेटिव बैंक्स पर पाबंदियां लगा दी गई। कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटीज के पास नोटों को बैन किए जाने की ताकत होती है लेकिन निकासी की सीमा तय करने का अधिकार कहां है? हाई कोर्ट ने आर.बी.आई. से मंगलवार को इन सवालों के जवाब देने को कहा है।

RBI से पूछा इस सवाल का जवाब
भावनगर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन नानुभाई वाघानी की ओर से कोर्ट में पेश वकील ने सवाल उठाया था कि न तो आर.बी.आई. ऐक्ट और न ही बैंकिंग नियामक कानूनों में कहीं भी निकासी की सीमा तय करने की बात की गई है। इस पर हाई कोर्ट ने रिजर्व बैंक से इस सवाल का जवाब देने को कहा। कोर्ट ने यह भी कहा कि आर.बी.आई. के पास 14 नवंबर को ऐसा कोई सर्कुलर जारी करने का अधिकार नहीं था, जिसके जरिए जिला सहकारी बैंकों पर पाबंदियां लगा दी गईं। वहीं, केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की अधिसूचना जारी की थी और सभी पंजीकृत बैंकों को नोट बदलने का अधिकार दिया गया था।

हालांकि 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। ऐसे में हाई कोर्ट ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस बीच गुजरात के ही खेड़ा जिले के सहकारी बैंक ने भी पाबंदियों के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट अब एक साथ ऐसी 3 याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। इस मामले में तीसरी याचिका गुजरात खेदुत हितरक्षक समिति की ओर से दायर की गई है।

सरकार के पास नहीं है नोटबंदी का अधिकार 
जिला सहकारी बैंकों के साथ पक्षपात के अलावा इन याचिकाओं में नोटबंदी के सरकार के तरीके पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट के सेक्शन 26 (2) का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार के पास इतने बड़े पैमाने पर नोटबंदी का अधिकार नहीं है। हालांकि वह कुछ निश्चित सीरीज के नोटों का विमुद्रीकरण कर सकती है। इसे भी आर.बी.आई. बोर्ड की ओर से सिफारिश पर ही लागू किया जा सकता है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!