रामायण और महाभारत काल के चौंकानें वाले रहस्य हुए उजागर

Edited By Updated: 19 Sep, 2015 05:10 PM

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भगवान श्रीरामचन्द्र के जन्म संबंध में कोई ठोस प्रमाण नहीं है की उनका जन्म कब हुआ था। हाल ही में हुए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार इस विशेष तिथि का पता लगा लिया गया है।

भगवान श्रीरामचन्द्र के जन्म संबंध में कोई ठोस प्रमाण नहीं है की उनका जन्म कब हुआ था। हाल ही में हुए एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार इस विशेष तिथि का पता लगा लिया गया है। इसके अतिरिक्त और भी बहुत सारी महत्वपूर्ण घटनाओं को पता लगा लिया गया है। तो आईए जानें विशेष तिथियां-

भगवान श्रीरामचन्द्र जी का जन्म-  5,114 ईसा पूर्व 10 जनवरी को 12.05 बजे। 
 
महाभारत युद्ध का आरंभ- 13 अक्टूबर 3,139 ईसा पूर्व।
 
हनुमान जी अशोक वाटिका में देवी सीता को पहली बार मिले थे- 12 सितम्बर 5076 ईसा पूर्व। 
 
ललित कला अकादमी में लगाई गई प्रदर्शनी में यह महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। इस प्रदर्शनी का आयोजन "कल्चरल कांटिन्यूटी फ्रॉम ऋग्वेद टू रोबोटिक्स" नाम से किया गया है। प्रदर्शनीकारों ने प्रदर्शनी का आरंभ हड़प्पा सभ्यता से करते हुए वैदिक और उत्तर वैदिक काल की महत्वपूर्ण खोजों को चित्रों के द्वारा पेश किया है। रामायण और महाभारत काल के वक्त को भी नवीन रूपांतर के माध्यम से दर्शाया गया है।
 
 
प्रदर्शनी का प्रारंभण संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने किया। उन्होंने कहा,"प्रर्दशनी में ऐसा बहुत कुछ है जिसकी सामग्री के बारे में प्रमुखता से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। हमने अपने मंत्रालय से भी कहा है कि सभी तथ्य एकत्रित किए जाएं और एक रिपोर्ट बनाकर दी जाए। "
 
 
इंस्टीटयूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च की निर्देशक सरोज बाला ने कहा, " यह जानकारी उन ग्रह-नक्षत्रों के माध्यम से ली गई है जो उस समय आकाश में थे। हमने सॉफ्टवेयर के जरिए उसका विश्लेषण किया और राम के जन्म का सही समय और सही तिथि का पता लगाया। पांडवों के वनवास के काल को भी जानने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया। "
 
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