इस कथा को पढ़ने-सुनने से होगी विष्णु-लोक में गति, यमराज भी होते हैं भयभीत

Edited By Updated: 29 Jul, 2016 01:04 PM

kamika ekadashi

संसार की सृष्टि करने वाले ब्रह्मा जी बताते हैं कि सावन के महीने की कृष्ण-पक्ष की एकादशी का नाम कामिका एकादशी है। इस महीने की एकादशी की महिमा सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन शंख़, चक्र, गदा व पद्म धारी भगवान विष्णुजी की पूजा अवश्य करनी...

संसार की सृष्टि करने वाले ब्रह्मा जी बताते हैं कि सावन के महीने की कृष्ण-पक्ष की एकादशी का नाम कामिका एकादशी है। इस महीने की एकादशी की महिमा सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन शंख़, चक्र, गदा व पद्म धारी भगवान विष्णुजी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। महातीर्थ गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्करराज में वास और स्नान का जो फल होता है, वह इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा से मिलता है। 

अक्षत एकादशी कल: ये है विधि, महत्व, उपाय और मंत्र

केदारनाथ तथा कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण के समय स्नान करने पर जो फल मिलता है वह सब इस एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से मिल जाता है। जिस प्रकार कमल के पत्ते से जल अलग रहता है, उसी प्रकार मानव भी इस एकादशी के प्रभाव से समस्त प्रकार के पापों से अलग हो जाता है।

कामिका एकादशी व्रत कथा

भगवान की पूजा करते समय उनके चरणों में तुलसी का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए तथा भगवान को भोग अर्पित करते समय प्रत्येक व्यंजन में भी तुलसी जी का पत्ता अवश्य अर्पण करना चाहिए क्योंकि तुलसी जी भगवान को बहुत प्रिय हैं। तुलसी जी के माध्यम से पूजा करने वाले को भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

खास दिन न खाएं अन्न, मरणोपरांत मिलेगा नरक के कष्टों से छुटकारा

तुलसी जी के दर्शन करने से ही समस्त प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा पवित्र तुलसीजी को स्पर्श करने मात्र से शरीर पवित्र हो जाता है। यही नहीं, भगवान की अति प्रिय तुलसी जी की वन्दना करने से शरीर के सारे रोग समाप्त हो जाते हैं।

तुलसी वृक्ष को जल चढ़ाने से यमराज जी भी भयभीत हो जाते हैं तथा तुलसी जी के वृक्ष को लगाने से भगवान श्रीकृष्ण के समीप वास मिलता है।

भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में तुलसी पत्ता समर्पण करने से श्रीकृष्ण-भक्ति प्राप्त होती है। जो ऐसी महान फल देने वाली तुलसी जी को नमस्कार करता है व एकादशी वाले दिन तुलसी जी को दीप दान करता है, उसका पुण्य चित्रगुप्त भी लिख कर पूरा नहीं कर सकते।

ब्रह्म-हत्या आदि पाप इस 'कामिका एकादशी' का व्रत करने से नष्ट हो जाते हैं, यहां तक कि श्रद्धापूर्वक इस व्रत के महात्म्य को पढ़ने व सुनने से विष्णु-लोक में गति होती है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!