हिमाचल के ओर-छोर में फैलता जा रहा ‘नशे का जाल’

Edited By ,Updated: 27 Sep, 2023 04:52 AM

drug addiction  is spreading in every corner of himachal

आज देश के अनेक राज्यों में नशे की लत महामारी की तरह फैलती जा रही है तथा देवभूमि हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा। इससे जहां युवाओं का स्वास्थ्य नष्ट हो रहा है, वहीं परिवार भी उजड़ रहे हैं।  हालत यह हो गई है कि नशे की तस्करी के लिए ड्रग माफिया...

आज देश के अनेक राज्यों में नशे की लत महामारी की तरह फैलती जा रही है तथा देवभूमि हिमाचल प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा। इससे जहां युवाओं का स्वास्थ्य नष्ट हो रहा है, वहीं परिवार भी उजड़ रहे हैं। 
हालत यह हो गई है कि नशे की तस्करी के लिए ड्रग माफिया युवतियों और नाबालिगों तक को इस्तेमाल कर रहा है, जिनमें काफी संख्या में गैर हिमाचली लोग भी शामिल हैं। प्रदेश में नशीले पदार्थों की बरामदगी के सर्वाधिक मामले चिट्टे के दर्ज किए जा रहे हैं। 

* 25 सितम्बर को कोटखाई पुलिस ने दक्षिण दिल्ली के एक युवक को 10.70 ग्राम चिट्टे के साथ पकड़ा।
* 24 सितम्बर को ठियोग पुलिस ने गश्त के दौरान नई दिल्ली की एक नाबालिग लड़की से 20.41 ग्राम चिट्टा बरामद किया। 
* 24 सितम्बर को ही नारायनटी जंगल में एक वाहन में सवार व्यक्ति से 21.54 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया।
* 23 सितम्बर को कुल्लू पुलिस ने तलौगी में एक होटल से अमृतसर निवासी युवक से 16 ग्राम चिट्टा बरामद किया। 

* 20 सितम्बर को रामपुर पुलिस ने कुल्लू जिले के 2 सगे भाइयों को 28.6 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया।
* 14 सितम्बर को माजरा थाना पुलिस ने एक कार से 54.4 किलो चूरा-पोस्त बरामद करके राजस्थान और हरियाणा के 3 आरोपियों को पकड़ा।
* 14 सितम्बर को ही बिलासपुर जिला के भराड़ी थाना की पुलिस ने एक कार सवार को 2.47 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया।
* 7 सितम्बर को मनाली में एक पुलिस जवान सहित 4 लोगों को 5.12  ग्राम चिट्टे के साथ तथा 3 युवकों को 16 ग्राम चिट्टे के साथ पकड़ा गया। 

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में बढ़ रही नशे की बुराई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि नशा तस्करी में गिरफ्तार आरोपियों से हिमाचल प्रदेश की जेलें भर गई हैं। 
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 307 किलोमीटर लंबी सीमा को सील करना एक चुनौती है। प्रदेश विधानसभा में उन्होंने स्वीकार किया कि जनजातीय क्षेत्रों सहित प्रदेश के ओर-छोर में नशे ने पांव जमा लिए हैं, जिसकी गंभीरता को देखते हुए सरकार इसके खात्मे के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। श्री अग्निहोत्री के अनुसार, ‘‘ इस वर्ष 1 जनवरी से 31 अगस्त तक पुलिस ने 11.50 किलो चिट्टा पकड़ा है, जबकि गत वर्ष 7.82 किलो चिट्टा पकड़ा गया था। जनवरी 2022 से 31 अगस्त, 2023 तक 4445 आरोपियों को पुलिस ने नशे के साथ गिरफ्तार किया।’’

‘‘सरकार ने चिट्टा व अन्य मादक पदार्थ कारोबारियों पर शिकंजा कसने के लिए कड़े कदम उठाए हैं तथा उनकी 14.33 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।’’ 
‘‘प्रदेश में चिट्टे का कारोबार विदेशों से संचालित हो रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठे तस्कर नशे की खेप हिमाचल प्रदेश में पहुंचा रहे हैं। एक किंगपिन नाईजीरिया का भी पकड़ा गया है।’’
उन्होंने कहा कि हिमाचल विधानसभा में एक कानून पारित कर केंद्र को भेजा गया है, जिसमें 5 ग्राम से कम चिट्टा पकड़े जाने पर भी आरोपियों को जमानत नहीं देने का प्रावधान किया गया है, जबकि इस समय ऐसे आरोपियों को जमानत मिल जाती है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाके पहले ही ‘ड्रग टूरिज्म’ के लिए बदनाम हैं और देश-विदेश से नशे के शौकीन लोग हिमाचल के कुछ इलाकों में इसलिए घूमने आते हैं क्योंकि वहां पर सब तरह का नशा आसानी से मिल जाता है। 

ऐसे में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की प्रदेश में नशे को लेकर चिंता स्वाभाविक है। अत: यदि इस समस्या पर तुरंत नियंत्रण न पाया गया तो यह बेकाबू होकर युवा पीढ़ी को घुन की तरह खोखला कर देगी। इसके साथ ही हिमाचल की उस साख को भी बट्टा लगेगा, जो हिमाचल के पढ़े-लिखे और समझदार लोगों ने वर्षों की मेहनत के साथ बनाई है।—विजय कुमार

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