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नए भारत की मजबूत, सुरक्षित और विकसित छवि बनाई मोदी युग ने

Edited By ,Updated: 10 Jun, 2025 11:11 AM

modi era created the image of a strong secure and developed new india

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की जब बागडोर संभाली तो भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा था। एक ऐसा देश जहां उम्मीदें तो थीं, लेकिन उनकी पूर्ति की दिशा स्पष्ट नहीं थी। लेकिन पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश की जब बागडोर संभाली तो भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा था। एक ऐसा देश जहां उम्मीदें तो थीं, लेकिन उनकी पूर्ति की दिशा स्पष्ट नहीं थी। लेकिन पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जिस दिशा और गति से विकास की अपनी यात्रा तय की है, वह आज दुनिया के सामने 'न्यू इंडिया' के रूप में खड़ा है। आज भारत एक आत्मविश्वास से भरा हुआ राष्ट्र है, जो आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और विश्व मंच पर अपनी स्पष्ट आवाज बुलंद कर रहा है।

यह परिवर्तन गरीबों के जीवन स्तर में सुधार के साथ शुरू हुआ। आजादी के कई दशकों बाद भी भारतीय लोग आवास, शौचालय, पानी और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इस दिशा में पहल करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छ भारत अभियान के तहत करोड़ों गरीब परिवारों को पक्के घर और शौचालय उपलब्ध कराए गए। उज्वला योजना के माध्यम से मुफ्त गैस कनैक्शन ने करोड़ों महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाई है, जबकि आयुष्मान भारत जैसी स्वास्थ्य योजनाओं ने 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर प्रदान करके गरीबों को वित्तीय नुकसान से बचाया है। हर घर जल अभियान के माध्यम से करोड़ों ग्रामीण परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया। ये योजनाएं सिर्फ कागज पर बनी नीतियां नहीं हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर हकीकत बन गई हैं और आम लोगों के जीवन में बदलाव ला दिया है। जन-धन योजना के माध्यम से आजादी के बाद पहली बार करोड़ों भारतीयों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया, जिससे देश में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिली।

भारत ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भी ऐतिहासिक प्रगति की है। सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें अब उन गांवों को रोशन कर रही हैं जहां बिजली और पक्की सड़कें कभी सपना हुआ करती थीं। दूरदराज के गांवों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ना सुनिश्चित किया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन और शहरों में मैट्रो परियोजनाओं से जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत की यह विकास यात्रा डिजीटल रूप में भी क्रांतिकारी रही है। डिजीटल इंडिया अभियान ने देश को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया है और यू.पी.आई. ने भारत को आज दुनिया में सबसे अधिक डिजीटल लेन-देन करने वाला देश बना दिया है। आधार, मोबाइल और  जनधन की 'त्रिमूर्ति ' ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को आसान बना दिया है और भ्रष्टाचार तथा बिचौलियों की भूमिका को लगभग समाप्त कर दिया है।

एन.डी.ए. और भारतीय सेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन जैसी पहलों ने यह साबित कर दिया है कि महिला सशक्तिकरण सरकार के लिए सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि नीति और इरादे दोनों का हिस्सा बन गया है। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद देश का कृषि क्षेत्र लम्बे समय तक उपेक्षित रहा, सरकारों के तमाम कागजी दावों के विपरीत स्थिति यह रही कि किसान खेती छोड़कर नौकरियों के लिए पलायन करने को मजबूर हुए। पिछले दशक में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से देश के हर छोटे किसान को सीधी आर्थिक मदद दी जा रही है।

फसल बीमा योजना, ई-नाम पोर्टल, सूक्ष्म सिंचाई योजनाएं और ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग ने न केवल उपज के मामले में बल्कि आय के स्रोत के रूप में भी कृषि को मजबूत किया है। इसी प्रकार, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी कई ऐतिहासिक पहल की गईं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक गुणात्मक परिवर्तन हुए हैं। मातृभाषा शिक्षा को बढ़ावा देने, कौशल आधारित शिक्षा और दीक्षा, स्वयं और पी.एम. ई-विद्या जैसे डिजीटल शिक्षण प्लेटफार्मों ने शिक्षा को अधिक सुलभ और समावेशी बना दिया है। स्किल इंडिया के तहत लाखों युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया। गया है, जिससे युवा अब नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बन रहे हैं।

कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत द्वारा लिए गए साहसी और त्वरित निर्णयों की पूरी दुनिया में सराहना हुई। स्वदेशी वैक्सीन उत्पादन और कोविड पोर्टल का सफल संचालन यह दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता ही नहीं बल्कि प्रौद्योगिकी और विज्ञान का उत्पादक भी है। इसके अलावा, फिट इंडिया, योग दिवस और आयुष मंत्रालय की गतिविधियों ने भारतीय जीवनशैली को पुनः प्रासंगिक बना दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के 'स्थानीय को वैश्विक बनाने' के दूरदर्शी दृष्टिकोण ने घरेलू उद्योगों और नवाचारों को मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के माध्यम से वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सशक्त बनाया है।

दशकों से लंबित' वन रैंक, वन पेंशन 'के क्रियान्वयन से न सिर्फ सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ी है, बल्कि भारत दुनिया को हथियार भी निर्यात कर रहा है। जहां आर्थिक और तकनीकी विकास हुआ है, वहीं सांस्कृक्तिक और धार्मिक पुनर्जागरण ने भी समाज में नई चेतना पैदा की है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम, महाकाल लोक और केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसी परियोजनाओं ने संस्कृत आस्था को सम्मान और गौरव दोनों दिया है। योग दिवस को वैश्विक मान्यता दिलाकर भारत ने पूरे विश्व को भारतीय दर्शन से जोड़ने का कार्य भी किया है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पहली बार भारत' अनुयायी' से 'नेता' की भूमिका में आ गया है। जी-20 प्रेसीडेंसी, वैक्सीन मैत्री, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, वॉयस ऑफ दग्लोबल साऊथ जैसे प्रयासों ने भारत को विकासशील देशों के बीच अग्रणी बना दिया है। आज जब हम पिछले 11 वर्षों पर नजर डालते हैं तो स्पष्ट हो जाता है कि यह सिर्फ योजनाओं की सूची नहीं, बल्कि रर्राष्ट्रीय पुनर्जागरण की जीवंत तस्वीर है। 

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