2026 क्रिप्टो बाजार के लिए निर्णायक साल, रिकवरी होगी या गिरावट और गहराएगी?

Edited By Updated: 31 Dec, 2025 10:03 PM

2026 will be a crucial year for the crypto market

क्रिप्टो बाजार के लिए साल 2025 बेहद दर्दनाक साबित हुआ, जहां बीते कुछ महीनों में निवेशकों की संपत्ति से करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर साफ हो गए। इस भारी गिरावट के बाद अब सभी की निगाहें 2026 पर टिकी हैं, जिसे क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए “करो या मरो” का साल...

बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो बाजार के लिए साल 2025 बेहद दर्दनाक साबित हुआ, जहां बीते कुछ महीनों में निवेशकों की संपत्ति से करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर साफ हो गए। इस भारी गिरावट के बाद अब सभी की निगाहें 2026 पर टिकी हैं, जिसे क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए “करो या मरो” का साल माना जा रहा है। यह साल या तो बाजार में नई जान डाल सकता है या फिर पिछली बड़ी गिरावट के बाद सबसे लंबे और गहरे मंदी के दौर को और मजबूत कर सकता है।

पिछले दो क्वार्टर में क्रिप्टो बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। बिटकॉइन अपने साल के उच्चतम स्तर 1,26,200 डॉलर से फिसलकर करीब 88,000 डॉलर पर आ गया, जबकि कुल क्रिप्टो मार्केट कैप 4.3 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 2.9 ट्रिलियन डॉलर रह गया। लगभग सभी प्रमुख ऑल्टकॉइन्स ने भी डबल डिजिट में गिरावट दर्ज की है, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ा है।

आने वाले समय में क्रिप्टो बाजार की दिशा तय करने में सबसे बड़ा रोल रेगुलेशन का हो सकता है। अमेरिकी संसद में चर्चा के दौर से गुजर रहा CLARITY एक्ट बाजार के लिए अहम साबित हो सकता है। यह बिल पहले ही हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से पास हो चुका है और इसका मकसद SEC और CFTC के बीच जिम्मेदारियों को साफ करना है, जिससे क्रिप्टो इंडस्ट्री को नियामकीय स्पष्टता मिले। अगर यह कानून बनता है तो यह मौजूदा कांग्रेस का दूसरा बड़ा क्रिप्टो बिल होगा। इससे पहले GENIUS एक्ट के जरिए 308 अरब डॉलर से ज्यादा के स्टेबलकॉइन सेक्टर को रेगुलेट किया गया था। इसके अलावा, नए SEC प्रमुख पॉल एटकिंस के नेतृत्व में आयोग के क्रिप्टो-फ्रेंडली रुख से भी बाजार को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि जनवरी से कुछ उत्पादों को आसान नियमों के तहत लॉन्च करने की छूट दी जा सकती है।

क्रिप्टो बाजार के लिए एक और बड़ा ट्रिगर रिटायरमेंट फंड्स से जुड़ा हो सकता है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रस्ताव दिया है कि नियोक्ता-प्रायोजित रिटायरमेंट योजनाओं को क्रिप्टो और प्राइवेट एसेट्स में निवेश की अनुमति दी जाए। अगर यह योजना 2026 में लागू होती है, तो इससे ट्रिलियन डॉलर की नई पूंजी क्रिप्टो बाजार में आ सकती है। इसके साथ ही प्रस्तावित टैरिफ डिविडेंड और बड़े टैक्स रिफंड जैसी नीतियां भी जोखिम वाले एसेट्स, जैसे शेयर बाजार और क्रिप्टोकरेंसी, में मांग बढ़ा सकती हैं।

फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति भी क्रिप्टो बाजार की चाल तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वे ऐसे फेड चेयरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं जो ब्याज दरों को 1 प्रतिशत तक लाने में सहज हों। विश्लेषकों का मानना है कि 2026 में फेड कई बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे अमेरिकी M2 मनी सप्लाई मौजूदा 22 ट्रिलियन डॉलर से काफी ऊपर जा सकती है। इतिहास गवाह है कि जब मनी सप्लाई बढ़ती है, तो बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन्स को इसका फायदा मिलता है।

हालांकि, तकनीकी चार्ट अभी भी सावधानी बरतने का संकेत दे रहे हैं। साप्ताहिक चार्ट पर बिटकॉइन ने राइजिंग वेज पैटर्न बनाया है और अब उसमें बेयरिश पेनेंट बनता दिख रहा है। इसके अलावा, बिटकॉइन साप्ताहिक टाइमफ्रेम पर सुपरट्रेंड इंडिकेटर के नीचे ट्रेड कर रहा है, जो आगे और कमजोरी का इशारा करता है। ऐसे में 2026 में संभावित तेजी के लिए जरूरी होगा कि मजबूत फंडामेंटल फैक्टर्स इन नकारात्मक तकनीकी संकेतों पर भारी पड़ें, वरना क्रिप्टो बाजार की गिरावट और गहराने का खतरा बना रह सकता है।


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