Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 May, 2018 07:13 PM
सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल ने आज अपनी प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उषा अनंतसुब्रमणियन से उनके सभी अधिकार और शक्तियां वापस ले ली।
मुंबईः सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल ने आज अपनी प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उषा अनंतसुब्रमणियन से उनके सभी अधिकार और शक्तियां वापस ले ली। पी.एन.बी. धोखाधड़ी मामले के आरोप पत्र में उषा का नाम सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय के निर्देश पर इलाहाबाद बैंक निदेशक मंडल ने यह कदम उठाया। उषा 2015 से 2017 तक पंजाब नैशनल बैंक की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक थी।
PNB के 2 कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कारवाई
वित्त मंत्रालय ने कल ही इलाहाबाद बैंक और पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.) के निदेशक मंडलों को उषा अनंत सुब्रमणियन और पी.एन.बी. के 2 कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कारवाई करने को कहा। पी.एन.बी. के निदेशक मंडल ने कल ही अपने 2 कार्यकारी निदेशकों की सभी शक्तियों को वापस लेने का फैसला कर लिया था।
इलाहाबाद बैंक ने नियामकीय जानकारी में कहा है, ‘‘बैंक के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में बैंक की प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्रीमती उषा अनंतसुब्रमणियन को तुरंत प्रभाव से बैंक की सभी कामकाजी जिम्मेदारियों से अलग करने का फैसला किया है।’’ निदेशक मंडल ने सरकार से बैंक में कामकाज सामान्य ढंग से आगे जारी रखने के लिए जल्द ही उपयुक्त व्यवस्था करने को भी कहा है।
चार्जशीट में हैं कई बड़े अधिकारियों के नाम
सी.बी.आई. की चार्जशाट में पी.एन.बी. के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर केवी ब्रह्माजी राव और संजीव शरण और जनरल मैनेजर (इंटरनेशनल ऑपरेशंस) नेहल अहाद के नाम भी शामिल हैं। फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्रेटरी ने कहा कि मंत्रालय ने 10 दिन पहले उनको शोकॉज नोटिस भी भेजा था। उन्होंने बताया कि पी.एन.बी. की बोर्ड मीटिंग जारी है और मिनिस्ट्री उनके रिजॉल्युशन का इंतजार कर रही है।