Nestle की बेबी फूड मामले में बढ़ेगी परेशानी, अधिक चीनी मिलाने की रिपोर्ट के बाद CCPA ने उठाया यह कदम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Apr, 2024 04:50 PM

ccpa fssai are strict regarding adding sugar in nestle s baby food

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सी.सी.पी.ए.) ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) को नैस्ले इंडिया द्वारा कम विकसित देशों में अधिक चीनी वाले शिशु उत्पाद बेचने की रिपोर्ट पर गौर करने को कहा है। स्विट्जरलैंड के गैर-सरकारी...

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सी.सी.पी.ए.) ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) को नैस्ले इंडिया द्वारा कम विकसित देशों में अधिक चीनी वाले शिशु उत्पाद बेचने की रिपोर्ट पर गौर करने को कहा है। स्विट्जरलैंड के गैर-सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) पब्लिक आई और इंटरनैशनल बेबी फूड एक्शन नैटवर्क (आई.बी.एफ.ए.एन.) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि नैस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी तथा लैटिन अमरीकी देशों में अधिक चीनी वाले शिशु उत्पाद बेचे। 

उपभोक्ता मामलों की सचिव एवं केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सी.सी.पी.ए.) की प्रमुख निधि खरे ने कहा, ‘‘हमने एफ.एस.एस.ए.आई. को नैस्ले के शिशु उत्पाद पर आई रिपोर्ट का संज्ञान लेने के लिए एक पत्र लिखा है।'' एफ.एस.एस.ए.आई. को लिखे पत्र में खरे ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग को विभिन्न समाचार लेखों के भारत में नैस्ले कंपनी के चलन के बारे जानकारी मिली, खासकर नैस्ले सैरेलैक के संबंध में। उन्होंने कहा कि समाचार खबरों के अनुसार स्विट्जरलैंड स्थित संगठन ने भारत में नैस्ले की विनिर्माण प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए एक रिपोर्ट पेश की है। खरे ने कहा, ‘‘रिपोर्ट के मुताबिक नैस्ले पर भारत में बेचे जाने वाले नैस्ले सैरेलैक में एक बार के खाने में 2.7 ग्राम चीनी मिलाने का आरोप लगाया गया है, जबकि जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देशों में ऐसा नहीं किया जा रहा।'' 

उन्होंने कहा कि एफ.एस.एस.ए.आई. को मामले की जांच करनी चाहिए और तथ्य सामने लाने चाहिएं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन.सी.पी.सी.आर.) ने भी रिपोर्ट पर गौर किया और एफ.एस.एस.ए.आई. को नोटिस जारी किया है। इस बीच नैस्ले इंडिया ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में शिशु आहार उत्पादों में चीनी में 30 प्रतिशत तक की कमी की है। 

सबसे अधिक चीनी थाईलैंड के बेबी प्रोडक्ट में 

रिपोर्ट के अनुसार 6 महीने के बच्चों के लिए नैस्ले का गेहूं आधारित उत्पाद सैरेलैक यू.के. और जर्मनी में बिना किसी अतिरिक्त चीनी के बेचा जाता है लेकिन भारत से विश्लेषण किए गए 15 सैरेलैक उत्पादों में प्रति सेवारत औसतन 2.7 ग्राम अतिरिक्त चीनी थी। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पैकेजिंग पर चीनी की मात्रा बताई गई थी। उत्पाद में सबसे अधिक चीनी सामग्री थाईलैंड में 6 ग्राम थी। रिपोर्ट के अनुसार फिलीपींस में 8 नमूनों में से 5 में चीनी की मात्रा 7.3 ग्राम पाई गई और पैकेजिंग पर इसकी जानकारी भी नहीं दी गई।
 

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