Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jul, 2022 02:17 PM
डोमिनोज पिज्जा इंडिया फ्रेंचाइजी अपने कुछ बिजनेस को फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो और स्विगी से हटा सकती है। आने वाले दिनों में हो सकता है कि आप जोमैटो और स्विगी से डोमिनोज का पिज्जा ऑर्डर नहीं कर सकें। दोनों ही फूड डिलीवरी ऐप
बिजनेस डेस्कः डोमिनोज पिज्जा इंडिया फ्रेंचाइजी अपने कुछ बिजनेस को फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो और स्विगी से हटा सकती है। आने वाले दिनों में हो सकता है कि आप जोमैटो और स्विगी से डोमिनोज का पिज्जा ऑर्डर नहीं कर सकें। दोनों ही फूड डिलीवरी ऐप पर बढ़े कमीशन की वजह से डोमिनोज पिज्जा इंडिया परेशान है। रॉयटर्स की खबर के अनुसार, अगर जोमैटो और स्विगी ने अब अपने कमीशन में इजाफा किया, तो डोमिनोज पिज्जा इंडिया इन दोनों ऐप से अपने प्रोडक्ट को दूर कर देगी।
जोमैटो और स्विगी के खिलाफ गंभीर आरोप
यह खुलासा जुबिलेंट फूडवर्क्स JUBI.NS द्वारा किया गया था, जो भारत में डोमिनोज और डंकिन डोनट्स की चेन ऑपरेट करता है। जुबिलेंट भारत की सबसे बड़ी फूड सर्विस कंपनी है। इसके 1,600 से अधिक ब्रांडेड रेस्तरां आउटलेट हैं। इनमें 1,567 डोमिनोज और 28 डंकिन आउटलेट शामिल हैं। CCI ने अप्रैल में Zomato और Swiggy के जांच के आदेश दिए थे। दोनों ही प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कथित अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर शिकायत सामने आई थी। दोनों कंपनियों के खिलाफ उनके रेस्तरां पार्टनर्स ने अनुचित तरीके से व्यापार करने का आरोप लगाया था।
कंपनी का 27% बिजनेस ऑनलाइन के जरिए
डोमिनोज इंडिया के अनुसार उनके कुल बिजनेस में 27% ऑर्डर ऑनलाइन आता है। इसमें कंपनी की अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप से मिलने वाला ऑर्डर शामिल है। राॅयटर्स के अनुसार 19 जुलाई CCI को लिख अपने पत्र में कंपनी ने बताया, 'अगर कमीशन में इजाफा किया गया तो जुबिलिएनट अपना बिजनेस ऑनलाइन रेस्टोरेंट से इन हाउस ऑर्डर सिस्टम पर शिफ्ट कर देगा।'
नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने जोमैटो और स्विगी पर ज्यादा कमीशन, व्यवहार जैसी शिकायतें CCI से की थी। इस पूरे मसले पर भी जांच चल रही है। इन फूड डिलीवरी प्लेटफाॅर्म पर आरोप है कि ये 20 से 30 प्रतिशत कमीशन ले रहे हैं। राॅयटर्स को नाम छापने की शर्त पर एक एक्जक्यूटिव ने बताया कि जोमेटो और स्विगी द्वारा वसूला जा रहा कमीशन डोमिनोज के साथ-साथ अन्य रेस्टोरेंट के लिए चिंता का विषय है। अधिकारी के अनुसार, 'अगर फिर कमीशन बढ़ता है तो इसका भार कंज्यूमर पर दिखेगा।'