FIIs investment: लगातार बिकवाली के बाद विदेशी निवेशकों का बदला मूड, भारतीय शेयर बाजार में किया 3,000 करोड़ का निवेश

Edited By Updated: 17 Oct, 2025 11:50 AM

foreign investors mood changed after continuous selling invested rs 3 000 crore

लगातार कई महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) आखिरकार भारतीय शेयर बाजारों में वापसी करने लगे हैं। यह निवेशकों के भारतीय शेयरों के प्रति भरोसे में बढ़ोतरी का संकेत माना जा रहा है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर...

बिजनेस डेस्कः लगातार कई महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) आखिरकार भारतीय शेयर बाजारों में वापसी करने लगे हैं। यह निवेशकों के भारतीय शेयरों के प्रति भरोसे में बढ़ोतरी का संकेत माना जा रहा है। NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से खरीदारी की और इस दौरान 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया।

इसके अलावा एफआईआई ने आईपीओ मार्केट में भी 7,600 करोड़ रुपए से अधिक निवेश किया। NSE के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, 15 अक्टूबर को भी करीब 68 करोड़ रुपए की अतिरिक्त खरीदारी दर्ज हुई।

शेयर बाजार में वापसी

विदेशी निवेशकों की नई दिलचस्पी से शेयर बाजारों में तेजी लौट आई है। अक्टूबर की शुरुआत से सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 3% की बढ़त दर्ज की गई है। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.4% और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.7% ऊपर चढ़े हैं।

पहले हुई थी भारी निकासी

यह हालिया खरीदारी इस साल की शुरुआत में हुई भारी बिकवाली के उलट है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच FIIs ने भारतीय शेयर बाजारों से 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की निकासी की थी। उस दौरान सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने बाजार को सपोर्ट देने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें GST दरों में कटौती, जून में रेपो रेट में कमी और भारत की सॉवरेन रेटिंग में सुधार शामिल थे।

विशेषज्ञों की राय

डीआर चोकसी फिनसर्व के देवेन चोकसी का कहना है कि विदेशी निवेशक पहले ही भारी बिकवाली कर चुके हैं। हालिया खरीदारी दर्शाती है कि कंपनियों की अर्निंग्स बेहतर हो रही हैं और वैल्यूएशन अब आकर्षक दिख रही है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही मजबूत रहने की संभावना है क्योंकि निफ्टी अब लगभग 20 गुना अर्निंग्स पर ट्रेड कर रहा है, जो इसके ऊंचे स्तरों से काफी नीचे है।

वैश्विक कारकों का असर

शेयर बाजार की तेजी में भारत–अमेरिका ट्रेड डील की उम्मीदें और अमेरिका–चीन तनाव का भी योगदान रहा। SBI सिक्योरिटीज के सनी अग्रवाल ने कहा कि अगर व्यापार समझौते के सकारात्मक परिणाम आते हैं, तो बाजार से बड़ा ओवरहैंग हट जाएगा।
  
 

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