FPI का बदला रुख, नवंबर के आखिर में फिर जगा भारती शेयरों में भरोसा, जानिए कितने करोड़ लगाए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Nov, 2023 01:29 PM

fpi s stance changed net investment of rs 378 crore in november

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर में भारतीय शेयरों में 378 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। इसका मुख्य कारण अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट है। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपए और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपए...

बिजनेस डेस्कः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर में भारतीय शेयरों में 378 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। इसका मुख्य कारण अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट है। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में 24,548 करोड़ रुपए और सितंबर में 14,767 करोड़ रुपए मूल्य की भारतीय इक्विटी की बिकवाली की थी। इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक पिछले छह महीनों में लगातार भारतीय शेयर खरीद रहे थे। इस अवधि में 1.74 लाख करोड़ रुपए की खरीद हुई। कुल मिलाकर 2023 के लिए संचयी रुझान अच्छा बना हुआ है। इस वित्त वर्ष में अभी तक एफपीआई ने 96,340 करोड़ रुपए का निवेश किया है। 

यस सिक्योरिटीज इंडिया में इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज रिसर्च के रणनीतिकार हितेश जैन ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि आने वाले समय में ईएम (उभरते बाजारों) में जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार तथा अमेरिका में जोखिम-मुक्त प्रतिफल में गिरावट से एफपीआई भारत की ओर आकर्षित होंगे।'' आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (24 नवंबर तक) भारतीय शेयरों में 378.2 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। विदेशी निवेशक इस महीने चार दिन लिवाल रहे और शुक्रवार को 2,625 करोड़ रुपए की बड़ी खरीदारी की। 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी. के. विजयकुमार ने कहा, ‘‘अक्टूबर के मध्य में अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।'' 

मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के सह निदेशक एवं शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अनिश्चित वैश्विक कारक भारत के शेयर बाजारों में विदेशी निवेश की दिशा तय कर रहे हैं।'' सितंबर में एफपीआई ने बिकवाली की सिलसिला शुरू किया था। इसके पीछे अमेरिकी ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता, बॉन्ड प्रतिफल में तेजी, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और इजराइल-हमास संघर्ष से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की अहम भूमिका रही थी। इस साल अब तक अक्टूबर में घरेलू इक्विटी बाजार में एफपीआई का कुल निवेश 6,381 करोड़ रुपए और ऋण बाजार में 12,400 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। 

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